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पशुओं की डकार पर किसानों को देना होगा टैक्स, इस देश ने पास किया खास कानून

Neha Dani
11 Jun 2022 11:23 AM GMT
पशुओं की डकार पर किसानों को देना होगा टैक्स, इस देश ने पास किया खास कानून
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कृषि विकास और उन्हें सलाह देने में खर्च किया जाएगा.

दूध के उत्पादन में दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल न्यूजीलैंड ने गाय सहित अन्य मवेशियों के लिए एक नया कानून बनाया है. इस कानून से गाय के मालिक बहुत परेशान हैं. दरअसल, न्यूजीलैंड सरकार के फैसले के तहत अब गाय सहित दूसरे मवेशियों के डकारने पर किसानों यानी उसके मालिकों को टैक्स देना होगा. इस तरह का कानून लाने वाला न्यूजीलैंड दुनिया का पहला देश बन गया है.

ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लिए उठाया कदम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह कदम ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर कंट्रोल करने के लिए उठाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मवेशियों की डकार से ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है और यह पर्यावरण को क्षति पहुंचाता है. न्यूजीलैंड के पर्यावरण मंत्रालय ने नए कानून को लेकर एक ड्राफ्ट बुधवार को जारी किया.
देश की आबादी 50 लाख, मवेशियों की संख्या 1 करोड़
ड्राफ्ट के मुताबिक, अब किसानों को 2025 से मवेशियों के डकार लेने पर टैक्स देना होगा. आंकड़ों के मुताबिक, 50 लाख की आबादी वाले न्यूजीलैंड में करीब 1 करोड़ मवेशी रहते हैं. इसमें भी भेड़ों की संख्या 2.6 लाख है. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, न्यूजीलैंड में कुल जितने ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है, उसमें से मुख्य मीथेन गैस है.
इस तरह होगा टैक्स का निर्धारण
सरकार ने ड्राफ्ट में बताया है कि टैक्स का निर्धारण गैस के प्रकार के आधार पर होगा. जो गैस सबसे ज्यादा समय तक वायुमंडल में रहेंगी, उनसे ज्यादा टैक्स लिया जाएगा और कम देर तक रहने वाली गैस के लिए कम टैक्स. न्यूजीलैंड के क्लाइमेट चेंज मंत्री जेम्स शॉ का कहना है कि, मवेशियों की डकार से मीथेन गैस बड़ी मात्रा में निकल रही है. इसलिए अब ऐसा होने पर टैक्स लगाने का फैसला किया गया है. टैक्स वसूलने की प्रक्रिया एमिशन प्राइसिंग सिस्टम के तहत चलेगी.
किसानों को भी मिलेगा फायदा
सरकार के इस कानून से किसानों पर सिर्फ बोझ ही नहीं पड़ेगा, बल्कि उन्हें कुछ फायदा भी होगा. दरअसल, ससकार की योजना है कि टैक्स लेकर किसानों के इंसेंटिव भी दिया जाए. इस इंसेंटिव से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की कोशिश की जाएगी. सरकार ने बताया कि इस कानून के तहत जो टैक्स वसूला जाएगा उसे किसानों के लिए रिसर्च, कृषि विकास और उन्हें सलाह देने में खर्च किया जाएगा.


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