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उनके प्रसिद्ध गानों में ' ओ सखीना गेसोस किना', 'शांताहार', 'नेल्सन मंडेला, 'नाम तार छिलो जॉन हेनरी', 'बांग्लार कॉमरेड बंधु' शामिल है।
बांग्लादेश के मशहूर लोक गायक फकीर आलमगीर का कोविड-19 से उत्पन्न जटिलताओं की वजह से निधन हो गया। वह 71 साल के थे।
ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार गायक ने शुक्रवार रात यूनाइटेड अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके बेटे माशुक आलमगीर रजीब ने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। कई दिनों से बुखार और खांसी की शिकायत के बाद वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में यूनाइटेड अस्पताल के आईसीयू में भेजा गया।
आलमगीर का जन्म 21 फरवरी, 1950 को फरीदपुर में हुआ था। उन्होंने संगीत के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत 1966 में की थी। गायक 'क्रांति शिल्पी गोष्ठी', और ' गण शिल्पी गोष्ठी' जैसे सांस्कृतिक संगठन के प्रमुख सदस्य थे और बांग्लादेश के अलग देश के रूप में उदय के लिए 1969 के आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान 'स्वाधीन बांग्ला बेतार केंद्र' से जुड़ गए और स्वतंत्रता सेनानियों में ऊर्जा का संचार करने के लिए गाना शुरू किया। उनके प्रसिद्ध गानों में ' ओ सखीना गेसोस किना', 'शांताहार', 'नेल्सन मंडेला, 'नाम तार छिलो जॉन हेनरी', 'बांग्लार कॉमरेड बंधु' शामिल है।
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