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महंगाई 30 फीसदी बढ़ने की उम्मीद 75 साल में सबसे ज्यादा है।
पाकिस्तान सरकार के कर्मचारियों ने 14 सितंबर को संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा की है। बता दें कि कर्मचारियों ने घर के किराए, चिकित्सा और वाहन भत्ते में 100 प्रतिशत की वृद्धि की मांग की है जिसे लेकर वो ये धरना प्रदर्शन करने वाले हैं।
एआरवाइ न्यूज ने वेतन और पेंशन आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि, वेतन में असमानता के बारे में शिकायत करते हुए, अखिल सरकारी कर्मचारी महागठबंधन (एजीपीजीए) ने 150 प्रतिशत की वृद्धि की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, AGPGA ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
बता दें कि कर्मचारियों ने मकान किराया, चिकित्सा एवं वाहन भत्तों तथा स्थायी दैनिक वेतन (permanent daily wages) एवं संविदा (contracted) और एडहाक कर्मचारियों (Adhoc employees) के लिए 100 प्रतिशत वृद्धि की मांग की है।
आंतरिक राज्य मंत्री ने कर्मचारियों की शिकायतों के बारे में प्रधानमंत्री शहबाज गिल को सूचित किया गया था।
जून में, संघीय कैबिनेट की एक विशेष बैठक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तावित संघीय बजट को मंजूरी दी है।
एआरवाइ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई विशेष कैबिनेट बैठक और संघीय मंत्रियों, सलाहकारों और विशेष सहायकों ने वित्त विधेयक 2022-23 को मंजूरी दी।
इस बीच, सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने घोषणा की कि संघीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 15 प्रतिशत और पेंशन में 5 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'सरकार ने एडहाक भत्तों (Adhoc allowances) को मूल वेतन में विलय करने को भी मंजूरी दे दी है।'
इससे पहले, जून में, एजीपीजीए (AGPGA) ने ईंधन और बिजली दरों में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण उनके वेतन में वृद्धि की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
बता दें कि बढ़ी हुई कीमतों ने कर्मचारियों के लिए कई कठिनाइयाँ पैदा कर दी थीं और वे अपने वर्तमान वेतन में अपने परिवारों की बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे थे।
यह धरना ऐसे समय में हो रहा है जब शहबाज शरीफ की सरकार ने ईंधन की कीमतों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ-साथ बिजली के लिए प्रति यूनिट टैरिफ में 47 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
वहीं, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी भारी वृद्धि के लिए सरकार की आलोचना की है।
इमरान खान ने ट्वीट किया, आयातित सरकार ने पेट्रोलियम की कीमतों में 40 फीसदी या 60 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। इससे जनता पर 900 अरब रुपये का बोझ बढ़ेगा और बुनियादी जरूरतों में कीमतों में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, बिजली की कीमत में 8 रुपये की बढ़ोतरी पूरे देश को सदमे में डाल देगी। महंगाई 30 फीसदी बढ़ने की उम्मीद 75 साल में सबसे ज्यादा है।
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