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रूस-यूक्रेन युद्ध को करीब सात महीने का समय हो गया। लेकिन यह युद्ध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। इस युद्ध में दोनों देशों का काफी नुकसान हुआ है। रूस-यूक्रेन जंग में अब एक नया मोड आ गया है। यूक्रेन में तीन लाख रिजर्व सैनिकों की तैनाती को रूस के 38 शहरों में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू हो गया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने 21 सितंबर को यूक्रेन के चार इलाकों डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जपोरिजिया में तीन लाख रिजर्व सैनिकों को तैनात करने की घोषणा के बाद रूस के करीब 38 शहरों में राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू हो गया। इस दौरान पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है।
जानकारी के अनुसार, रूस के कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और घर वापस लौटने की अपील की। बावजूद इसके प्रदर्शन और बढ़ता गया। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाई।
रिपोर्ट के मुतबाकि, विरोध प्रदर्शन और पुलिस के साथ हुई झड़प के वीडियो वायरल हुए। इन वीडियो में पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ मीरपीट कर रही है। इन वीडियो में पुलिस ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं के साथ भी मारपीट की। एक वीडियो में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी नो टु वॉर के नारे लगाते हुए सड़कों पर मार्च कर रहे हैं। स्काई न्यूज के मुताबिक, मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग समेत 38 शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे करीब 1,371 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
राष्ट्रपति पुतिन ने तीन लाख रिजर्व सैनिकों की तैनाती से पहले पश्चिमी देशों पर न्यूक्लियर ब्लैकमेल का आरोप लगाते हुए कहा कि नाटो के कुछ बड़े नेता रूस के खिलाफ परमाणु हमला करने की धमकी दे रहे हैं। पुतिन ने कहा कि रूस भी अपनी पूरी ताकत से इसका जवाब देगा। उन्होंने कहा कि हम अपने देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
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