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ईरानी सरकार के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किया, युवती की मौत के बाद हुआ बवाल

Neha Dani
24 Sep 2022 11:25 AM GMT
ईरानी सरकार के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किया, युवती की मौत के बाद हुआ बवाल
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इससे पहले ईरान में बड़ा प्रदर्शन 2019 में ‘Bloody November' हुआ था जो ईंधन की कीमतों में इजाफे के खिलाफ था।

ईरानी सरकार के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किया जा रहा है। दरअसल हिजाब/ हेडस्कार्फ बांधने वाले सख्त कानून के उल्लंघन के आरोप में एक 22 वर्षीय युवती को ईरान की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जिसकी मौत हो गई। इसके बाद से ही देश में हंगामा शुरू है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं, जो कई जगहों पर हिंसक हो गया है।

हिजाब सिर पर नहीं बांधने को लेकर एक 22 वर्षीय कुर्दिश युवती को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद उसकी हिरासत में मौत हो गई। इस घटना को लेकर ईरान सरकार के खिलाफ देश के 80 शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गया है। कुर्द निवासी महसा अमिनी की मौत को लेकर सैंकड़ों प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए हैं। सभी सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं।
सरकार विरोधी नारे
सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़प में मरने वालों का आंकड़ा 26 हो गया। यह जानकारी ईरानी टीवी ने दी। पिछले दिनों युवती की मौत को लेकर प्रदर्शन कर रहीं कुछ महिलाओं ने अपने हेडस्कार्फ उतारकर सड़क पर आग लगा दी। वहीं पुरुषों ने सुप्रीम नेता के पोस्टर जलाए। ईरानी कानून के तहत सभी महिलाओं का सिर हिजाब से ढका होना चाहिए और सार्वजनिक जगहों पर ढीले वस्त्र पहनना जरूरी है। यह कानून 1979 से लागू है और इसका पालन देश की हर महिला को करना है। अमीनी की मौत 16सितंबर को अस्पताल में हो गई वह तीन दिन तक कोमा में रही। तेहरान में वह अपने भाई के साथ थी जब उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। डिटेंशन सेंटर में बेहोश होने के तुरंत बाद वह कोमा में चली गई थी।
मरने से पहले तीन दिन तक कोमा में थी युवती
ऐसे रिपोर्ट हैं कि पुलिस ने अमिनी के सिर पर वार किया था। यह जानकारी UN के मानवाधिकार आयुक्त नदा अल-नशीफ ने दी। अमिनी की मौत के एक दिन बाद कुर्दिस्तान में सभी दुकानें बंद कर दी गईं। प्रदर्शनकारियों में छात्रों के शामिल होने को लेकर देश की प्रमुख तीन यूनिवर्सिटी तेहरान, खाजे नसीर और शाहिद बेहेष्ती ने अगले सप्ताह के लिए आनलाइन क्लास लेने का फैसला लिया है। इससे पहले ईरान में बड़ा प्रदर्शन 2019 में 'Bloody November' हुआ था जो ईंधन की कीमतों में इजाफे के खिलाफ था।
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