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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान महिला जज पर की गई अपनी विवादित टिप्पणी वापस लेने के तैयार हैं. हालांकि, उन्होंने इस मामले में माफी मांगने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है.
इमरान ने इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान शहबाज शरीफ सरकार पर हमला बोला था. इमरान खान ने रैली में धमकी भरे लहजे में इस्लामाबाद के आईजी पुलिस और डिप्टी आईजी पुलिस के खिलाफ केस करने की बात कही थी. वहीं इमरान खान ने उस महिला जज को भी धमकी दी थी, जिसने उनके करीबी शहबाज को रिमांड पर भेजने का ऑर्डर दिया था.
इमरान खान ने न्यायपालिका पर उनकी पार्टी के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए उसका झुकाव सत्ताधारी सरकार की ओर बताया था. महिला जज को लेकर इमरान खान ने धमकी देते हुए कहा था कि उन्हें भी गंभीर परिणाम भुगतना होगा.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने करीबी शहबाज गिल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस रिमांड में उनके साथ शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाया था. महिला जज को धमकाने के मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान खान को फटकार भी लगाई थी. चीफ जस्टिस ने इमरान खान के वकील से पूछा था कि क्या जजों को इस तरह धमकाया जाएगा?
इमरान खान के करीबी शहबाज गिल मामले को लेकर इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने जोर देकर कहा था कि शहबाज के साथ यातना गलत थी. लेकिन किसी महिला जज को धमकाना, माफी लायक नहीं है. चीफ जस्टिस ने आगे कहा था कि इस पूरे मामले ने शहबाज गिल की निष्पक्ष सुनवाई को कंट्रोवर्शियल बना दिया है.
पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलर अथॉरिटी (PEMRA) ने इस मामले में इमरान खान के भाषण के लाइव टेलीकास्ट पर रोक लगा दी थी. हालांकि, बाद में इस बैन को हटा दिया गया था. इस मामले में PEMRA ने कहा था कि टीवी चैनल चेतावनी देने के बावजूद सरकारी प्रतिष्ठानों के खिलाफ कंटेंट के टेलीकास्ट को रोकने में नाकाम रहे हैं.
PEMRA ने आगे कहा था कि ऐसा देखा गया है कि इमरान खान अपने भाषणों में सरकारी प्रतिष्ठानों पर निराधर आरोप लगा रहे हैं और उनके उकसावे वाले बयानों से कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है और इससे सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका है. ऐसे में टीवी चैनलों में इमरान खान के भाषण के सीधे प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है.
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