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पिता बनने के बाद कॉलेज ने निकाला, पूर्व कैडेट ने मुकदमा कर स्कूल की नीति को दी चुनौती

Neha Dani
9 Dec 2021 10:17 AM GMT
पिता बनने के बाद कॉलेज ने निकाला, पूर्व कैडेट ने मुकदमा कर स्कूल की नीति को दी चुनौती
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क्रूज ने बिल पेश करते हुए कहा, "यह नीति पक्षपात, पुरातन और अस्वीकार्य है.” वीके/एए (एपी).

पिता बनने के बाद कोस्ट गार्ड अकैडमी से निकाल दिए गए एक पूर्व कैडेट ने संघीय अदालय में मुकदमा कर स्कूल की नीति को चुनौती दी है. इस कैडेट को 2014 में अकैडमी से निकाला गया था.आइजैक ऑलसन अमेरिका की कोस्ट गार्ड अकैडमी में पढ़ रहे थे. वह मैकैनिकल इंजीनियरिंग कर रहे थे और पास होकर सेना में कमीशन पाने से सिर्फ दो महीने दूर थे जब उन्हें अकैडमी से निकाल दिया गया. यह फैसला तब लिया गया जब उन्होंने कुछ महीने पहले अपने पिता बनने का खुलासा किया. अमेरिकी के कनेक्टिकट की जिला अदालत में दायर मुकदमे के मुताबिक उनकी मंगेतर ने एक बच्चे को जन्म दिया था. कुछ महीनों बाद जब यह बात स्कूल के प्रशासन को पता चली तो ऑलसन को कॉलेज से निकाल दिया गया. अकैडमी ने नियमानुसार ऑलसन को निकाला था. मुकदमे के मुताबिक नियम कहता है कि अगर 14 हफ्ते से ज्यादा का गर्भ हो जाने पर कैडेट को खुद अकैडमी छोड़नी होगी या उन्हें हटा दिया जाएगा.

तस्वीरेंः कामकाजी मांओं की मुश्किलें ऑलसन की वकील इलाना बिल्डनर ने बताया कि पिता बनने का फैसला निजी होता है. उन्होंने कहा, "माता या पिता बनने का फैसला बेहद निजी होता है और कोई स्कूल या नौकरी उसके रास्ते में नहीं आनी चाहिए. यूएस कोस्ट गार्ड अकैडमी का यह प्राचीन नियम, जो कि छात्रों को पितृत्व या डिग्री में से कोई एक चुनने का विकल्प देता है, नैतिक रूप से गलत और असंवैधानिक है." 'महिला विरोधी है नियम' इस बारे में यूएस कोस्ट गार्ड या स्कूल ने सवालों के जवाब नहीं दिए. बिल्डनर ने बताया कि यह नियम 1970 के दशक में तब लागू किया गया था जब अकैडमी में महिलाओं को दाखिला मिलना शुरू हुआ था. उन्होंने कहा, "यह कोई हादसा नहीं है कि अकैडमी ने मातृत्व पर यह प्रतिबंध महिलाओं को दाखिला देना शुरू करने के फौरन बाद लागू किया. कनेक्टिकट या कहीं और इस नीति के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. इसे खत्म हो जाना चाहिए." अदालत में दायर हलफनामे के मुताबिक ऑलसन को अपने जूनियर ईयर में अप्रैल महीने में पता चला कि उनकी मंगेतर गर्भवती हैं.
उन्होंने गर्भ ना गिराकर बच्चे को जन्म देने का फैसला किया. तब ऑलसन ने फैसला किया कि वह अकैडमी नहीं छोड़ेंगे क्योंकि ऐसा करने पर स्कलू को उनकी करीब पांच लाख डॉलर फीस जब्त करने का अधिकार मिल जाएगा. 2013 के अगस्त में ऑलसन की मंगेतर ने बच्चे को जन्म दिया. इसेक बाद मार्च 2014 में एक फॉर्म में ऑलसन ने बताया कि वह एक बच्चे के पिता हैं. ऑलसन के मुताबिक यह पहली बार था जब किसी फॉर्म में उनसे यह जानकारी मांगी गई थी. वापस चाहिए कमीशन अपनी डिग्री पूरी करने के लिए ऑलसन ने अपने पितृत्व अधिकार कानून छोड़ भी दिए. लेकिन स्कूल ने उन्हें निकाल दिया. बिल्डनर बताती हैं कि लंबी प्रशासनिक प्रक्रिया के बाद अब ऑलसन ने मुकदमा करने का फैसला किया है. ऑलसन और उनकी मंगेतर अब शादीशुदा हैं.
अब वह कोस्ट गार्ड में एविएशन टेक्निशियन के तौर पर काम कर रहे हैं और अलास्का में तैनात हैं. अगर वह कमीशन पा जाते तो उन्हें प्रतिमाह लगभग 3,000 डॉलर ज्यादा मिलते. ऑलसन अपना कमीशन वापस चाहते हैं. बिल्डनर के मुताबिक इस मुकदमे के नतीजे का असर और कई संस्थानों पर भी पड़ेगा जहां इसी तरह के नियम हैं. एएलसीयू विमिंस राइट्स प्रोजेक्ट की लिंडा मॉरिस बताती हैं, "हम मानते हैं कि हर सैन्य अकादमी के लिए इस तरह के प्रतिबंध गलत हैं और अकादमियों को इन्हें अपनी नियमावली से हटा देना चाहिए." अमेरिकी सांसदों रिपब्लिकन सेनेटर टेड क्रूज और डेमोक्रैट सेनेटर कर्स्टन गिलीब्रैंड ने सेनेटर में एक बिल पेश किया है जिसके तहत इस तरह के नियमों को सभी अकादमियों के लिए खत्म करने का प्रस्ताव है. क्रूज ने बिल पेश करते हुए कहा, "यह नीति पक्षपात, पुरातन और अस्वीकार्य है." वीके/एए (एपी).


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