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बीजिंग, (आईएएनएस)| रविवार को चीन का नया साल शुरू हो गया है, जिसे देश का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। इसे लूनर न्यू ईयर फेस्टिवल भी कहा जाता है, और तकरीबन दो हफ्तों तक मनाया जाता है। आमतौर पर चीनी नए साल के दौरान सभी ऑफिस, कॉलेज, स्कूल बंद हो जाते हैं, और चीनी लोग सैर-सपाटे पर निकल जाते हैं।
दरअसल, चीनियों का नया साल कभी एक तय तारीख पर नहीं होता, और हर बार यह नई तारीख पर शुरू होता है, लेकिन यह हमेशा 21 जनवरी से 20 फरवरी के बीच ही आता है। इस साल 22 जनवरी को पड़ा है, और पूरे चीन में लोग खरगोश वर्ष के आगमन का जश्न मना रहे हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि चीनी नये साल का उत्सव दुनिया का सबसे बड़ा रंगीन उत्सव होता है। दुनिया में चीनी लोग जहां भी हों, इस उत्सव को धूमधाम से मनाते हैं। चीन में हर जगह जश्?न का माहौल रहता है, पूरा आसमान रंग-बिरंगे फेस्टिव फ्लैग और लालटेन से जगमगा उठता है।
ठीक वैसे ही जैसे भारत में लोग दिपावली मनाते हैं। दीपावली भारत और नेपाल में सबसे सुखद छुट्टियों में से एक है। इस दौरान लोग अपने घरों को साफ कर उन्हें उत्सव के लिए सजाते हैं। दीपावली की भांति चीनी नया साल लोगों के जीवन के लिए खुशी लाता है और नया जीवन जीने का उत्साह देता है।
उपभोक्ता खरीद और आर्थिक गतिविधियों के संदर्भ में भी चीनी नया साल, दीपावली के बराबर है। जिस तरह से दीपावली का त्यौहार भारत में एक प्रमुख खरीदारी की अवधि का प्रतीक है, उसी तरह से चीनी नया साल चीनी लोगों के लिए नए कपड़े, घर के सामान, उपहार, सोना और अन्य बड़ी खरीददारी का समय होता है। इस नये साल पर खर्च और खरीद को शुभ माना जाता है।
चीनी नववर्ष, जिसे आमतौर पर वसंत महोत्सव के रूप में जाना जाता है, की जड़ें चीन के प्राचीन शांग राजवंश में हैं, जिसका लगभग 3,500 वर्ष पुराना इतिहास है। इस महोत्सव को पूरे चीन में बड़े ही जोर-शोर से मनाया जाता है, और नववर्ष की पूर्वसंध्या में परिवार के सभी लोग एकजुट होकर रात का खाना खाते हैं।
जब चीनी नया साल आता है तब गांवों में मेले लगाये जाते हैं, साथ ही बाजार भी लगते हैं। ये आमतौर पर खुल बाजार होते हैं जहां नये साल से संबंधित चीजें- जैसे फूल, खिलौने, कपड़े, पटाखें आदि बिकते हैं। लोग ऐसे मेलों या बाजारों से घर का साज-सज्जा का सामान और अपने दोस्तों को देने के लिए उपहार खरीद लेते हैं।
बेशक, चीन का नया साल दीपावली से पूरी तरह मेल खाता है। ये दोनों उत्सव यह प्रदर्शित करने का काम करते हैं कि भारत और चीन की विभिन्न सभ्यताओं और इतिहास में बहुत कुछ समान है। ये त्योहार केवल सांस्कृतिक रूप की अभिव्यक्ति है, जो अलग है लेकिन समान भी है।
(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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