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ऑस्‍ट्रेलिया और मालदीव की तरफ से चीन की मीटिंग से दूरी बनाई गई थी, भारत के दो दोस्‍तों ने निभाई दोस्‍ती

Neha Dani
28 Nov 2022 9:07 AM GMT
ऑस्‍ट्रेलिया और मालदीव की तरफ से चीन की मीटिंग से दूरी बनाई गई थी, भारत के दो दोस्‍तों ने निभाई दोस्‍ती
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भारत के पश्चिम में स्थित पड़ोसी देश मालदीव में भी जमकर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निवेश कर रहा है।
कैनबरा: चीन ने 21 नवंबर को बड़े अरमानों से हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ एक मीटिंग की थी। 19 देशों ने चाइना इंटरनेशनल डेवलपमेंट को-ऑपरेशन एजेंसी (CIDCA) की इस खास मीटिंग में हिस्‍सा लिया था। चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से आयोजित इस मीटिंग में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया था। जहां बाकी देशों ने इसमें हिस्‍सा लिया तो भारत के दो दोस्‍त ऐसे थे जिन्‍होंने चीन की इस चाल को कामयाब नहीं होने दिया। ऑस्‍ट्रेलिया और मालदीव की तरफ से कहा गया है कि इस आयोजन में उनकी तरफ से कोई शामिल नहीं था। भारत में ऑस्‍ट्रेलिया के राजदूत और मालदीव के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर स्‍पष्‍टीकरण दिया गया है।
दोनों देश आए समर्थन में
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से मीटिंग को हाइब्रिड तौर पर 'साझा विकास' थीम के तहत आयोजित किया गया था। युन्‍नान प्रांत के कुमिंग में हुई मीटिंग ब्‍लू इकोनॉमी पर चर्चा हुई थी। विदेश मंत्रालय की मानें तो इसमें पाकिस्‍तान, इंडोनेशिया, म्‍यांमार, श्रीलंका, बांग्‍लादेश, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्‍तान, ईरान, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, केन्‍या, मोंजाबिक, तंजानिया, सेशेल्‍स, मैडागास्‍कर, मॉरिशस, जिबूती और ऑस्‍ट्रेलिया ने इसमें हिस्‍सा लिया था। लेकिन मालदीव और ऑस्‍ट्रेलिया ने उसके इस दावे को मानने से इनकार कर दिया है। भारत में ऑस्‍ट्रेलिया के उच्‍चायुक्‍त बेरी ओ फारेल ने ट्विटर पर लिखा, 'ऑस्‍ट्रेलिया की सरकार की तरफ से किसी भी अधिकारी ने कुमिंग में आयोजित चीन-हिंद महासागर विकास मंच की मीटिंग में हिस्‍सा नहीं लिया था।'
नई एजेंसी की रणनीति
वहीं मालदीव के विदेश मंत्रालय ने स्‍पष्‍ट किया है कि कोई भी आधिकारिक प्रतिनिधि मीटिंग में मौजूद नहीं था। अगर कोई व्‍यक्ति अपने आप इसमें शामिल हुआ है तो उसे आधिकारि‍क प्रतिनिधित्‍व न समझा जाए। मालदीव के पूर्व राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद वाहिद हसन और ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रूड ने इस मीटिंग में हिस्‍सा लिया था। CIDCA चीन की नई डेवलवमेंट एजेंसी है और पूर्व उप-विदेश मंत्री ल्‍यू झाहोहूई इसके मुखिया हैं। झाहोहूई भारत और पाकिस्‍तान में राजदूत भी रहे हैं और पाकिस्‍तान के लिए उनका रुख हमेशा नरम रहा हैं।
हिंद महासागर पर आक्रामक चीन
चीन, हिंद महासागर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में लगा हुआ है। वह यहां मौजूद बंदरगाहों पर भारी निवेश कर रह है और पाकिस्‍तान, श्रीलंका जैसे देशों को इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के लिए संसाधन मुहैया कराने में भी लगा है। चीन ने जहां जिबूती में तो अपना नेवी बेस तैयार कर ही लिया है तो वहीं श्रीलंका के हंबनटोटा को भी 99 साल के लिए लीज पर लिया है। दूसरी ओर भारत के ठीक सामने अरब सागर तक मजबूत पकड़ बनाने के लिए पाकिस्‍तान के ग्‍वादर में बंदरगाह तैयार कर रहा है। भारत के पश्चिम में स्थित पड़ोसी देश मालदीव में भी जमकर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निवेश कर रहा है।
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