एशिया में स्वास्थ्य निगरानी का फायदा उठाने की कोशिश में चीन, बढ़ा निजी डाटा के लीक होने का खतरा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| चियांग माय (थाईलैंड), एएनआइ। चीन की नापाक कोशिशों के बारे में आए दिन नए नए खुलासे हो रहे हैं। अब एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 का एशिया में स्वास्थ्य निगरानी के विस्तार का चीन पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। वह ऐसा इसलिए कर रहा है कि ताकि इससे जुड़ी सूचनाओं को एकत्र करके रणनीतिक क्षेत्र में अपनी ताकत का विस्तार कर सके और उसे प्रभावित कर सके। एशिया टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपने आसपास के देशों में स्वास्थ्य निगरानी के विस्तार का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।
इन हालात से वाकिफ अधिकारियों का कहना है कि यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन की प्रिवेसी वॉचडॉग कंपनी वेरिस्क मेपिलक्राफ्ट ने एशिया को दुनिया का सबसे बड़ा 'सर्विलांस हॉटस्पाट' घोषित किया है। इसीलिए एशिया में कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य निगरानी और नागरिकों के निजी डाटा के लीक होने या उसके दुरुपयोग का खतरा बढ़ गया है। वेरिस्क मेपिलक्राफ्ट के अनुसार एशियाई देश निजता के अधिकार सूचकांक के मामले में थाईलैंड, चीन, म्यांमार, भारत, कंबोडिया, फिलीपींस और पाकिस्तान आदि सबसे पीछे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि चीन अब थाईलैंड पर दबाव बना रहा है कि वह अपना डाटा उससे साझा करे। दक्षिणपूर्वी एशिया में खुफिया एजेंसियों का युद्ध इस तरह बढ़ गया है कि विभिन्न देशों में सरकारी निगरानी बढ़ने के न्यू नार्मल के बीच चीन अपने हित साधने में लगा हुआ है। हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि एक टेक्नोलॉजी कंपनी के माध्यम से चीन की सरकार ने भारत के दिग्गज नेताओं, खिलाड़ियों, उद्यमियों समेत हजारों लोगों की निगरानी की थी। बीते दिनों चीन की इन्हीं हरकतों के चलते अमेरिका ने वीचैट और टिकटॉक जैसे ऐप की डाउनलोडिंग पर रोक लगा दी थी।
महामारी के कारण दुनिया में सबसे पहले बंद हुई थी चीन की इकोनॉमी
यही नहीं बीते दिनों अमेरिका के न्याय विभाग ने बड़े पैमाने पर अंजाम दिए गए हैकिंग के आरोप में पांच चीनी नागरिकों को आरोपित किया था। इन चीनी नागरिकों पर अमेरिका और भारतीय सरकार के नेटवर्क समेत दूसरे कई देशों की 100 से ज्यादा कंपनियों और संस्थानों से साफ्टवेयर डाटा और कारोबार संबंधी गोपनीय जानकारियां चुराने के आरोप लगाए गए थे। बीते सितंबर महीने में न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन के हैकर्स दुनिया के तमाम देशों के प्रमुख संस्थानों और कंपनियों के कम्प्यूटर हैक करके वहां से डेटा और अन्य चीजें चुराने की कोशिश में लगे हुए हैं।