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अमेरिका और भारत को चीन ने दिया बड़ा संदेश, फिर बढ़ाया अपना रक्षा बजट, इन सवालों को दिया जन्म
jantaserishta.com
7 March 2021 9:57 AM GMT
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पिछले साल जून में गलवान घाटी में चीनी सेना से झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनातनी का मौहाल है. वहीं अमेरिका और चीन के बीच भी पिछले कुछ दिनों से तल्खी बढ़ी है, खासकर व्यापार के मोर्चे पर अमेरिका और चीन में तनाव बढ़ा है. लेकिन अब चीन ने रक्षा बजट बढ़ाकर नए सवाल को जन्म दे दिया है कि आखिर कोरोना संकट के बीच रक्षा बजट में इजाफा चीन के लिए क्यों जरूरी था?
दरअसल, चीन का रक्षा बजट 200 अरब डॉलर से भी ज्यादा का हो गया है. चीन ने शुक्रवार को वर्ष 2021 के लिए अपना रक्षा बजट 6.8 फीसदी बढ़ाकर 209 अरब डॉलर कर दिया है. यह आंकड़ा भारत के रक्षा बजट के मुकाबले तीन गुणा से भी अधिक है. यह लगातार छठा वर्ष है जब चीन के रक्षा बजट में सिंगल डिजिट की बढ़ोतरी हुई है.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बजट की जानकारी देते हुए कहा कि इस साल (2021) का योजनाबद्ध रक्षा व्यय 1,350 अरब युआन (करीब 209 अरब अमेरिकी डॉलर) होगा. हालांकि अभी चीन का रक्षा बजट अमेरिका के रक्षा बजट का एक चौथाई के करीब है. अमेरिका का रक्षा बजट 2021 के लिए 740.5 अरब डॉलर रखा गया है.
भारत के मुकाबले चीन का रक्षा बजट तीन गुना से भी अधिक है. भारत का रक्षा बजट (पेंशन सहित) 65.7 अरब डॉलर के करीब है. भारत का साल 2021-22 के लिए कुल रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जबकि साल 2020-21 में ये आंकड़ा 4.71 लाख करोड़ रुपये था. इस साल भारत ने रक्षा बजट को करीब 1.4 फीसदी बढ़ाया है. रक्षा बजट में सैनिकों के वेतन-भत्ते और पेंशन का खर्च भी शामिल होता है.
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक पिछले साल चीन का रक्षा बजट 196.44 अरब डॉलर रहा था. चीन ने कोरोना वायरस की मार के बीच पिछले साल अपने रक्षा बजट में 6.6 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. अमेरिका के बाद रक्षा क्षेत्र पर चीन सबसे जयादा खर्च करने वाला देश है.
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सशस्त्र सेनाओं में कुशल युवाओं को आकर्षित करने के लिए वेतन में 40 फीसदी बढ़ोतरी की भी घोषणा की है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने पिछले साल एक सम्मेलन में 2027 तक अमेरिका के बराबर की पूरी तरह से आधुनिक सेना बनाए जाने की योजना को अंतिम रूप दिया था. वर्ष 2027 चीन की सेना का शताब्दी वर्ष भी है.
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत जीडीपी के हिसाब से रक्षा बजट के मामले में टॉप- 15 देशों में भी नहीं है. ओमान इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. ओमान अपनी कुल जीडीपी का 8.8% हिस्सा रक्षा पर खर्च करता है. सऊदी अरब इस मामले में दूसरे नंबर पर है. वो अपनी कुल जीडीपी का 8 फीसदी हिस्सा रक्षा पर खर्च करता है. इजरायल का डिफेंस बजट अपने कुल बजट का 7 से 7.5 फीसदी होता है. वहीं भारत का रक्षा बजट इस बार 2.21 फीसदी रहा है. वहीं चीन का रक्षा बजट उसकी कुल जीडीपी का 1.5 फीसदी से कम से होता है.
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में पूरी दुनिया का रक्षा बजट 1917 अरब डॉलर था. 2018 के मुकाबले इसमें 3.6 फीसदी की तेजी आई है, इनमें से टॉप-5 देशों ने रक्षा बजट पर कुल (1.917 ट्रिलियन डॉलर) का 62 फीसदी के करीब खर्च किया.
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