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दुनिया भर में अवैध पुलिस स्टेशन खोल रहा चीन, ब्रिटेन और फ्रांस दे रहे साथ

Subhi
29 Sep 2022 12:55 AM GMT
दुनिया भर में अवैध पुलिस स्टेशन खोल रहा चीन, ब्रिटेन और फ्रांस दे रहे साथ
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चीनी सरकार ने दुनिया भर में कई अवैध पुलिस स्टेशन खोले हैं। ये खबरें ऐसे समय में सामने आई हैं जब पश्चिमी देश अमेरिका के साथ मिलकर चीन पर शिकंजा कसने का प्रयास कर रहे हैं। रिपोर्टों में कहा गया है

चीनी सरकार ने दुनिया भर में कई अवैध पुलिस स्टेशन खोले हैं। ये खबरें ऐसे समय में सामने आई हैं जब पश्चिमी देश अमेरिका के साथ मिलकर चीन पर शिकंजा कसने का प्रयास कर रहे हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन ने कनाडा और आयरलैंड में भी अवैध पुलिस स्टेशन खोले हैं। विदेशी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन द्वारा पुलिस स्टेशन खोलने से मानवाधिकार प्रचारकों में चिंता पैदा हो गई है। इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म रिपोर्टिका ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो (PSB) से संबद्ध कई अवैध पुलिस सर्विस स्टेशन पूरे कनाडा में फैले हैं। इन पुलिस स्टेशनों को चीन के विरोधियों को दबाने के लिए स्थापित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से कम से कम तीन स्टेशन केवल ग्रेटर टोरंटो एरिया में स्थित हैं।

इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म रिपोर्टिका के अनुसार, चीन इन अवैध पुलिस स्टेशनों के माध्यम से कुछ देशों में चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और यूके जैसे देशों में भी चीनी पुलिस थानों के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई गई है। ये स्टेशन अवैध तरीके से काम कर रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, फूजौ (चीनी शहर) पुलिस का कहना है कि उसने पहले ही 21 देशों में ऐसे 30 स्टेशन खोले हैं। मजे की बात ये है कि यूक्रेन, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और यूके जैसे देशों में चीनी पुलिस थानों के लिए ऐसी व्यवस्था है और इनमें से अधिकांश देशों के नेता सार्वजनिक मंचों पर चीन के उदय और उसके बिगड़ते मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ खुद चीन को उसके विरोधियों को दबाने का मौका दे रहे हैं।

मानवाधिकार प्रचारकों ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर सुरक्षा के नाम पर देश भर में व्यापक दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है, जिसमें लोगों को नजरबंदी शिविरों में कैद करना, परिवारों को जबरन अलग करना और जबरन नसबंदी करना शामिल है। आरोपों पर चीन ने कहा है कि ये फैसिलिटी "व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण केंद्र" हैं जो अतिवाद का "काउंटर" करने और आजीविका में सुधार करने के लिए जरूरी हैं।


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