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आजादी से लेकर अब तक पाकिस्तान का खूनी इतिहास, सरकारी बुलेट प्रूफ कार में जाएंगे काम करने

Neha Dani
7 Nov 2022 5:15 AM GMT
आजादी से लेकर अब तक पाकिस्तान का खूनी इतिहास, सरकारी बुलेट प्रूफ कार में जाएंगे काम करने
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‘‘विश्वसनीय तथा सुरक्षित माहौल’’ बनाने का अनुरोध किया था।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान और चीन ने सीपेक परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों के बाहर निकलने पर उनके लिए बुलेट-प्रूफ वाहन इस्तेमाल करने पर सहमति जतायी है ताकि उन्हें आतंकवादी हमलों से बचाया जा सके। मीडिया में आयी एक खबर में रविवार को यह जानकारी दी गयी। चीन ने अपने कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में काश्गर से जोड़ता है।
चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के तहत 60 अरब डॉलर की लागत वाला सीपेक राष्ट्रपति शी चिनफिंग की एक बड़ी परियोजना है। चीन की विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में उसके कामगारों की सुरक्षा एक बड़ी बाधा रही है। 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार की खबर के मुताबिक, दोनों पक्षों ने सीपेक की 11वीं संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) के मसौदे में कानून प्रवर्तन एजेंसियों तथा जांचकर्ताओं की क्षमताओं को मजबूत करने पर भी सहमति जतायी है।
जिनपिंग ने जताई थी चिंता
ग्यारहवीं जेसीसी के मसौदे के ब्योरे में कहा गया है, ''यह तय किया गया है कि परियोजनाओं में काम कर रहे चीन के लोगों की सभी बाहरी गतिविधियों के लिए बुलेट-प्रूफ वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा।'' राष्ट्रपति चिनफिंग ने पिछले सप्ताह सीपेक परियोजनाओं पर पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर ''गहरी चिंता'' व्यक्त की थी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बीजिंग की पहली यात्रा के दौरान उनसे बातचीत में चीनी कामगारों के लिए ''विश्वसनीय तथा सुरक्षित माहौल'' बनाने का अनुरोध किया था।
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