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वाशिंगटन । दुनिया का सबसे बेहतरीन फाइटर जेट एफ-35 लापता हो गया है। घटना से अमेरिकी सेना को तगड़ा झटका लगा है। इसके बाद फाइटर जेट की जितनी भी यूनिट्स अमेरिका में हैं, सबकी उड़ानों पर फिलहाल दो दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। इसके बाद द मरीन कॉर्प्स के एक्टिंग कमांडेंट एरिक स्मिथ ने कहा कि उड़ानों पर यह रोक इस फाइटर जेट की सभी यूनिट्स पर लगी है। चाहे वह अमेरिका में हों या फिर अमेरिका से बाहर कहीं तैनात हों। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि साउथ कैरोलिना के ज्वाइंट बेस चार्ल्सटन से टेकऑफ के बाद यह जेट लापता हुआ था।
अब तक लापता फाइटर जेट का पता नहीं चल सका है। सेना लगातार एफ-35 को खोज रही है। अगले दो दिनों तक सिर्फ सभी फाइटर जेट्स की सुरक्षा और तकनीकी संबंधी मामलों पर चर्चा होगी। इस बीच मरीन कॉर्प्स के प्रवक्ता ने कहा कि फाइटर जेट के लापता होने से पहले पायलट ने खुद को सुरक्षित तरीके से इजेक्ट कर लिया था। प्रवक्ता ने कहा कि अभी हम सिर्फ जानकारी जमा कर रहे हैं। सिचुएशन को समझने की कोशिश कर रहे हैं। घटना की बारीकी से जांच की जा रहा है। ज्वाइंट बेस चार्ल्सटन के प्रवक्ता ने कहा कि जब पायलट ने खुद को फाइटर जेट से इजेक्ट किया, तब पायलट ने ठीक पहले उस फाइटर जेट को ऑटो-पायलट मोड में डाल दिया था।
फिलहाल हमें यह नहीं पता है कि हमारा फाइटर जेट कहां है। खुशी इस बात की है हमारा पायलट सुरक्षित है। इस मामले में पेंटागन लगातार हमारे संपर्क में है। पहले फाइटर जेट का मिलना जरूरी है। इसके बाद हम इसके पायलट से बातचीत करने वाले हैं, जो फिलहाल अस्पताल में है।
अमेरिका के लापता फाइटर जेट का पूरा नाम है एफ-35 लाइटनिंग हैं। यह हर मौसम में उड़ान भरने वाला स्टेल्थ मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। यह एयरसुपीरियरिटी और स्ट्राइक मिशन के लिए बनाया गया है। यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, जासूसी, सर्विलांस, रीकॉन्सेंस जैसे मिशन को भी पूरा कर सकता है।
इसके तीन वैरिएंट मौजूद हैं, पहला कन्वेंशनल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग है। इस एफ-35ए कहते हैं। दूसरा है शॉर्ट टेक-ऑफ एंड वर्टिकल लैंडिंग है। इसे एफ-35बी कहते हैं। तीसरा है, कैरियर बेस्ड है। यानी एफ-35सी इसे अमेरिका का लॉकहीड मार्टिन कंपनी बनाती है।
इस एक ही पायलट उड़ाता है। लंबाई 51.4 फीट, विंगस्पैन 35 फीट और ऊंचाई 14.4 फीट है। अधिकतम गति 1976 किलोमीटर /घंटा है। कॉम्बैट रेंज 1239 किलोमीटर है। अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसमें 4 बैरल वाली 25 मिमी की रोटरी कैनन लगी है। जो एक मिनट में 180 गोलियां दागती है। इसमें चार अंदरूनी और छह बाहरी हार्डप्वाइंट्स हैं। हवा से हवा, हवा से सतह, हवा से शिप और एंटी-शिप मिसाइलें तैनात की जा सकती है। इसके अलावा चार तरीके के बम लगाए जा सकते हैं।
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