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तो इसे भारत विरोधी फैसले के रूप में देखा गया था.
पेंटागन ने रूस, भारत और चीन से जुड़े ताजा मल्टीनेशनल सैन्य अभ्यासों से जुड़े सवालों को खारिज करते हुए कहा कि अमेरिका के भारत के साथ बहुत करीबी रक्षा संबंध हैं. पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'भारत एक संप्रभु राष्ट्र है, उसे किसके साथ सैन्य अभ्यास करना है, इसका फैसला वह खुद ले सकता है.'
भारत महत्वपूर्ण भागीदार, आगे भी मिलकर करेंगे काम
भारत के रूस और चीन के साथ सैन्य अभ्यास में शामिल होने से जुड़े एक सवाल पर ब्रिगेडियर राइडर ने कहा, 'हमने निश्चित रूप से इस क्षेत्र में भारत के साथ अपनी साझेदारी की सराहना की है. जैसा कि आप जानते हैं, वे एक महत्वपूर्ण भागीदार हैं और हम उनके साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे.'
पत्रकारों को दिया संतुलित जवाब
ब्रिगेडियर राइडर से पत्रकारों ने पूछा, 'भारत ने कई अभ्यास में हिस्सा लिया है, जिसमें रूस और चीन के साथ युद्ध अभ्यास भी शामिल है, जो कुछ लोगों को थोड़ा परेशान करने वाला लगता है.' इस पर उन्होंने कहा, 'भारत के साथ हमारी बहुत करीबी साझेदारी और संबंध हैं, खासकर रक्षा क्षेत्र में. हम निश्चित रूप से भारत के साथ काम करना जारी रखेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेंगे.'
1 से 7 सितंबर के बीच हुआ था युद्धाभ्यास
यूक्रेन में मॉस्को के विशेष सैन्य अभियान के बीच रूस के सुदूर पूर्वी इलाके में विभिन्न स्थानों पर 1 से 7 सितंबर के बीच वोस्तोक सैन्य अभ्यास आयोजित किया गय था. इसमें भारत और चीन सहित कई देशों ने हिस्सा लिया था. क्योंकि अभी अमेरिका के संबंध न चीन से बेहतर हैं और न ही रूस से. ऐसे में भारत के इन दोनों देशों के सात युद्ध अभ्यास करने पर माना जा रहा था कि अमेरिका इस पर नाराजगी जताएगा, लेकिन अमेरिका ने इन सभी अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. बता दें कि पिछले दिनों जब अमेरिका ने पाकिस्तान को फाइटर जेट एफ-16 को अपग्रेड करने के लिए 450 मिलियन डॉलर की मदद देने का ऐलान किया था तो इसे भारत विरोधी फैसले के रूप में देखा गया था.
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