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30 जून को समाप्त होने वाले एक अन्य प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।
आर्थिक तंगी में डूबे पाकिस्तान ने चीन के बाद अब सऊदी अरब का सहारा लिया है। बता दें कि पाकिस्तान एक बार फिर देश में अत्याधुनिक रिफाइनरी और एक पेट्रोकेमिकल परिसर स्थापित करने की परियोजनाओं को पटरी पर लाना चाहता है।
इस परियोजना के लिए पाकिस्तान ने 12 अरब अमेरिकी डालर के निवेश के साथ सऊदी अरब को राजी कर लिया है। इसकी जानकारी मीडिया रिपोर्ट ने दी है।
इमरान खान सरकार के दौरान परियोजना हुई थी स्थगित
इमरान खान सरकार के दौरान इस परियोजना को सऊदी अरब ने स्थगित कर दिया था। यह बात ऐसे समय पर सामने आई है जब युवराज मोहम्मद बिन सलमान अगले महीने पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। अखबार द न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार तीन साल पहले हुए सहमति पत्र का सम्मान करने और पाकिस्तान में निवेश करने के लिए सऊदी अरब को मनाने में जुटी हुई है।
2019 में सलमान ने किया था पाकिस्तान का दौरा
बता दें कि 2019 में सलमान ने पाकिस्तान का दौरा किया था। इमरान खान सरकार के नेत्तृतव में सलमान ने 21 अरब डालर के निवेश समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इन समझौतों ते तहत 12 अरब डालर के निवेश से एक रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परिसर का विकास किया जाना था। हालांकि, बाद में पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।
चीन से भी मांगी मदद
बता दें कि पाकिस्तान ने चीन से भी अनुरोध किया है कि वह अपने कर्ज और विदेशी व्यापार को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष में 34 अरब अमेरिकी डॉलर की व्यवस्था करने की अपनी समग्र योजना के तहत अगले आठ महीनों में परिपक्व हो रहे 6.3 अरब डॉलर के कर्ज को वापस ले ले। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान परिपक्व होने वाले द्विपक्षीय कर्ज को चुकाने के लिए 30 जून को समाप्त होने वाले एक अन्य प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।
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