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दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी है अफ्रीकी ब्लैकवुड, एक किलो की कीमत में खरीद लेंगे शानदार लग्जरी कार

Neha Dani
23 July 2021 11:36 AM GMT
दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी है अफ्रीकी ब्लैकवुड, एक किलो की कीमत में खरीद लेंगे शानदार लग्जरी कार
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अफ्रीकी ब्लैकवुड को बचाने के लिए जंगलों में हथियारबंद जवान तैनात किए गए हैं.

जिस लकड़ी की बात हम कर रहे हैं उसका नाम है अफ्रीकी ब्लैकवुड (African Blackwood). इस लकड़ी को धरती पर मौजूद सबसे मूल्यवान सामग्रियों में से एक माना जाता है. यह दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी भी है. यह दुर्लभ लकड़ी मध्य और दक्षिण अफ्रीका के 26 देश में पाई जाती है.

7 लाख रुपये में बिकती है एक किलो लकड़ी
अब आप इस दुर्लभ लकड़ी अफ्रीकी ब्लैकवुड (African Blackwood) की कीमत भी जान लीजिए. यह लकड़ी 8 हजार पाउंड यानी 7 लाख रुपये प्रति किलोग्राम में बिकती हैं. यानी आप इस लकड़ी की कीमत में एक ठीकठाक लग्जरी कार खरीद सकते हैं या पार्टनर के साथ इंटरनेशनल टूर कर सकते हैं.
60 सालों में तैयार होता है अफ्रीकी ब्लैकवुड का पेड़
अफ्रीकी ब्लैकवुड (African Blackwood) के महंगे होने का कारण इसकी दुर्लभता है. इस पेड़ को ठीक से तैयार होने में 60 सालों का समय लगता है. अफ्रीकी ब्लैकवुड के पेड़ सेनेगल पूर्व से इरिट्रिया तक अफ्रीका के सूखे क्षेत्रों और दक्षिण अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी भागों में मिलते हैं. इनकी ऊंचाई लगभग 25-40 फीट होती है. ये सूखे स्थानों पर ही ज्यादातर मिलते हैं. चूंकि इन पेड़ों की संख्या बहुत सीमित है और डिमांड बहुत ज्यादा. इसलिए इनकी कीमत भी लगातार बढ़ती जा रही है.
संगीत वाद्ययंत्र और फर्नीचर बनाने में होती है इस्तेमाल
अफ्रीकी ब्लैकवुड (African Blackwood) की लकड़ी का अधिकतर इस्तेमाल शहनाई, बांसुरी और गिटार जैसे संगीत वाद्ययंत्र बनाने के काम में होता है. इसके अलावा इस लकड़ी से मजबूत और टिकाऊ फर्नीचर भी बनाए जाते हैं. ऐसे फर्नीचर काफी महंगे होते हैं. जिससे उन्हें आम आदमी नहीं खरीद पाते. हालांकि अमीर लोग अपने घरों को स्टाइलिश बनाने के लिए इस लकड़ी के फर्नीचर का इस्तेमाल करते हैं.
अवैध कटाई की वजह से घटती जा रही है संख्या
बेहद महंगे होने की वजह से अफ्रीकी ब्लैकवुड (African Blackwood) पेड़ के दुश्मन भी बहुत हैं. तस्कर इन पेड़ों को ठीक से तैयार होने से पहले ही काट देते हैं. चंदन के पेड़ की तरह लगातार अवैध कटाई और तस्करी की वजह से अब इन पेड़ों की संख्या बहुत घट गई है. जिससे यह पेड़ दुर्लभता की श्रेणी में आ गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केन्या, तंजानिया जैसे देश में इस पेड़ की तस्करी आम है. अब इन देशों में अफ्रीकी ब्लैकवुड को बचाने के लिए जंगलों में हथियारबंद जवान तैनात किए गए हैं.


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