लॉस एंजिलिस: अभिनेत्री एवं कार्यकर्ता सचीन लिटलफेदर का निधन हो गया है. वह 75 वर्ष की थीं. वेबसाइट 'वेराएटी' के अनुसार, उन्हें 'ब्रेस्ट कैंसर' था. 'द एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज' ने भी उनके निधन पर रविवार को शोक व्यक्त किया.
उनके सम्मान में एक समारोह भी आयोजित किया था:
गौरतलब है कि वर्ष 1973 में हुए एक विवाद के करीब 50 साल बाद अकादमी ने लिटिलफेदर से माफी मांगी थी और करीब दो सप्ताह पहले ही उनके सम्मान में एक समारोह भी आयोजित किया था.
सचीन लिटलफेदर का जन्म 1946 में कैलिफोर्निया में हुआ था. उनके पिता मूल अमेरिकी और मां यूरोपीय अमेरिकी थीं. उनके माता-पिता ने उनका नाम मैरी लुईस क्रूज रखा था. कॉलेज में उनकी रुचि अमेरिकी मूल (नेटिव) निवासियों के मुद्दों में बढ़ी और 1970 में 'अलकाट्राज़ द्वीप' पर कब्जा करने वाले लोगों में भी वह शामिल थीं. इस दौरान ही उन्होंने अपना नाम बदलकर सचीन लिटलफेदर रखा था.
मूल अमेरिकियों से जुड़े मुद्दों में रुचि थी:
सचीन लिटलफेदर कॉलेज के बाद स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड (एसएजी) का हिस्सा बनीं और वहां उनकी मुलाकात अभिनेता मार्लन ब्रैंडो से हुई, जिन्हें मूल अमेरिकियों से जुड़े मुद्दों में रुचि थी. ब्रैंडो ने मूल अमेरिकियों के मुद्दों के समर्थन में फिल्म 'गॉड फादर' में निभाए अपने वीटो कोर्लिओन के किरदार के लिए ऑस्कर पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. 1973 में ब्रैंडो की ओर से लिटरफेदर उनका ऑस्कर पुरस्कार स्वीकार करने पहुंची थी और अमेरिकी मूल निवासियों की समस्या पर समारोह में उन्हें केवल 60 सेकंड बोलने का मौका दिया गया था.
लिटलफेदर ने तब कहा था कि वह बेहद अफसोस के साथ इस बहुत उदार पुरस्कार को स्वीकार नहीं कर सकते. इसकी वजह फिल्म उद्योग में मूल निवासियों के साथ हो रहा व्यवहार है लिटलफेदर ने 'द ट्रायल ऑफ बिली जैक' (1974) और 'शूट द सन डाउन' जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार भी निभाए. लिटलफेदर ने दावा किया था ऑस्कर में दिए भाषण के बाद हॉलीवुड ने उनका बहिष्कार कर दिया. इसके बाद वह सैन फ्रांसिस्को लौट गईं और मूल निवासियों के मुद्दे उठाने के साथ-साथ थिएटर व स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में काम करना जारी रखा.
कार्यक्रम में लिटलफेदर ने शिरकत भी की थी:
इस साल जून में अकादमी ने ऑस्कर समारोह में उस रात उनके साथ हुए व्यवहार को लेकर माफी मांगी थी. 17 सितंबर को अकादमी संग्रहालय में उनके लिए आयोजित एक कार्यक्रम में लिटलफेदर ने शिरकत भी की थी. लिटलफेदर के जीवन और बतौर कार्यकर्ता उनके द्वारा किए गए कार्यों पर बना एक वृत्तचित्र 'सचीन ब्रेकिंग द साइलेंस' 2021 में रिलीज हुआ था.