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प्योंगयांग। उत्तर कोरिया ने हवासोंग-18 अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल का परीक्षण करके फिर से अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया सहित पश्चिमी देशों को डराने की कोशिश की है। उत्तर कोरिया ने इस आईसीबीएम का परीक्षण उस समय पर किया है, जब किम जोंग उन ने अमेरिका के जासूसी प्लेन को मार गिराने की धमकी दी थी। यह विमान उत्तर कोरिया के जलसीमा के पास उड़ रहा था। अमेरिका किलर हवासोंग-18 सहित कई घातक मिसाइलों का हाल के दिनों में उत्तर कोरिया ने परीक्षण किया जिससे अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक और विशेषज्ञ टेंशन में आ गए हैं। उन्हें डर सता रहा है कि उत्तर कोरिया कहीं अमेरिका के शहरों को निशाना बनाने के लिए मिसाइलें नहीं जमा कर रहा है।
तानाशाह किम जोंग उन ने मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद कहा कि हवासोंग-18 मिसाइल ने देश को शक्तिशाली रणनीतिक हमला करने का साधन दे दिया है। साथ ही परमाणु ताकत को भी बढ़त मिली है। इससे पहले मार्च महीने में उत्तर कोरिया ने हवासोंग-17 मिसाइल का परीक्षण किया था। जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया ने जिस मिसाइल का परीक्षण किया उसकी रेंज 1 हजार किलोमीटर थी और यह करीब 74 मिनट तक हवा में रही।
हवासोंग-17 मिसाइल जहां लिक्विड ऊर्जा से चलती है, वहीं हवासोंग-18 सॉलिड फ्यूल से चलने वाली मिसाइल है। उत्तर कोरिया के मुताबिक हवासोंग-18 मिसाइल ज्यादा उन्नत है और इसके जरिए उत्तर कोरिया ज्यादा तेजी से लंबी दूरी तक परमाणु हमला कर सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक सॉलिड फ्यूल से चलने वाली मिसाइल ज्यादा स्थिर होती है और लॉन्च से पहले उस डिटेक्ट होने से बचाने के लिए आसानी से एक-जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर कोरिया अपनी सेना को अमेरिका और यूरोपीय देशों की टक्कर का बनाना चाहता है और इस दिशा में वह लगातार प्रगति कर रहा है। उत्तर कोरिया लगातार कई लॉन्च करके इस मिसाइल को और ज्यादा सटीक बना रहा है। उन्होंने कहा कि आईसीबीएम के जरिए सैद्धांतिक रूप से उत्तर कोरिया अमेरिका के किसी भी शहर को परमाणु बम से निशाना बना सकता है।
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