अमेरिका की बास्केटबाल स्टार ब्रिटनी ग्राइनर को रूस ने रिहा कर दिया है। इसके बदले में रूस के हथियार व्यापारी विक्टर बाउट को अमेरिका ने रिहा किया है। रूसी जेल में बंद अमेरिकी नागरिक पाल व्हीलन को रिहा कराने में अमेरिका फिलहाल विफल रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि ब्रिटनी सुरक्षित हैं, वह विमान में हैं और अपने घर जा रही हैं।
बाइडन ने यह बात व्हाइट हाउस में ब्रिटनी की पत्नी कैरेल के साथ मीडिया से बातचीत में कही। विदित हो कि ब्रिटनी समलैंगिक हैं, यह बात उन्होंने 2013 में एक साक्षात्कार में सार्वजनिक कर दी थी। ये रिहाई यूक्रेन युद्ध के दौरान हुई हैं जबकि इस समय अमेरिका और रूस अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे से लड़ रहे हैं। बंदियों की इस अदला-बदली से यह बात भी साबित हुई है कि दोनों महाशक्तियों के बीच पर्दे के पीछे बातचीत जारी है। यह स्थिति विश्व शांति के लिए अच्छी है।
आठ महीने तक रही रूसी कारगार में
ब्रिटनी दो बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं। उनकी गिरफ्तारी रूस में नशीला पदार्थ लेकर जाने पर हुई थी। बाद में अमेरिका की ओर से कहा गया कि रूस में जिसे नशीला पदार्थ माना जाता है उस पर अमेरिका और कई अन्य देशों में प्रतिबंध नहीं है। इस कारण ब्रिटनी गलतफहमी में उक्त पदार्थ लेकर रूस पहुंच गई थीं। ब्रिटनी करीब आठ महीने रूसी कारागार में रहीं। बाइडन प्रशासन ने बदले में बदनाम हथियार व्यापारी बाउट को रिहा किया है। बाउट को एक समय मौत का सौदागर भी कहा जाता था।
वह दुनिया के कई अशांत क्षेत्रों में हथियारों की आपूर्ति के लिए बदनाम रहे हैं। रूसी विदेश मंत्रालय ने इस अदला-बदली की पुष्टि की है। बताया गया है कि कैदियों की अदला-बदली यूएई की राजधानी अबूधाबी में हुई। रिहाई के बाद बाउट भी विमान से अपने घर के लिए रवाना हो गए। जबकि अमेरिका के एक अन्य नागरिक पाल व्हीलन जासूसी के आरोप में दिसंबर 2018 से रूसी जेल में बंद हैं। उनकी रिहाई के संबंध में दोनों देशों के बीच कोई बात नहीं हुई है।
यूएई के राष्ट्रपति और सऊदी क्राउन स प्रिंस की मध्यस्थता
अमेरिकी बास्केटबाल स्टार ब्रिटनी और रूसी हथियार कारोबारी बाउट की रिहाई यूएई के राष्ट्रपति मुहम्मद बिन जाएद अल नाह्यान और सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान के प्रयासों से हुई। दोनों नेताओं के अमेरिका और रूस के बड़े नेताओं ने अच्छे रिश्ते हैं। दोनों देशों के संयुक्त बयान में यह बात कही गई है। दोनों बंदियों को निजी विमानों से अबूधाबी लाया गया और वहीं पर उनकी अदला-बदली हुई।