जर्मनी में भारी संख्या में पुलिस कर्मियों ने धुर दक्षिणपंथी चरमपंथियों के करीब 130 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने चरमपंथियों के समूह राइषबुर्गर से जुड़े 25 सदस्यों व समर्थकों को हिरासत में लिया है। आरोप है कि ये लोग ताकत के जरिये देश में सरकार पलटने की कोशिश में लगे थे। फार राइट ग्रुप से जुड़े सदस्य प्रिंस को राष्ट्रीय नेता के रूप में देखना चाहते हैं जिसे माना जा रहा है कि रूस का समर्थन हासिल है।
पूरी ताकत के साथ कार्रवाई की जाएगी: जर्मन सरकार
समाचार एजेंसी रॅायटर्स के मुताबिक, राइषबुर्गर समूह के सदस्य जर्मनी को वैध राज्य नहीं मानते हैं। इनमें से कुछ लोग जर्मन साम्राज्य को राजशाही के लिए समर्पित हैं जबकि कुछ लोग नाजी विचारधारा से प्रेरित हैं। इनमें से कुछ लोग यह मानते हैं कि जर्मनी अभी सैन्य कब्जे के अधीन है।
हालांकि क्रेमलिन के अनुसार इस मामले में रूस के शामिल होने का कोई प्रश्न नहीं है। जर्मनी सरकार ने भी कहा है कि इस मामले में कानून के अनुसार पूरी ताकत के साथ कार्रवाई की जाएगी। सैन्य खुफिया सेवा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सैनिक और ऐसे कई लोगों से भी पूछताछ की गई है जिन्हें जरूरत होने पर सेना में बुलाया जा सकता था।
अधिकारियों ने की 11 राज्यों में छापेमारी
इन संदिग्ध चरमपंथियों के खिलाफ हुई कार्रवाई में 3,000 अधिकारियों ने देश के 16 में से 11 राज्यों की 130 जगहों पर छापेमारी की। कार्रवाई में 22 जर्मन नागरिकों व एक रूसी समेत 3 अन्य को आतंकी गुट में सदस्यता के शक में गिरफ्तार किया गया।
सरकार के प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रेट ने जानकारी दी कि हम इस समय एक समूह कि बात कर रहे हैं, जिन्होंने जर्मन संसद भवन पर सशस्त्र हमला किया और देश के लोकतांत्रिक राज्य कानून को चोट पहुंचाने की कोशिश की।
बताते चलें कि आतंकी साजिश के आरोप में पकड़े गए लोगों में 72 साल के रिटायर्ड मिलिट्री कमांडर और राइट विंग पार्टी के पूर्व एमपी भी शामिल हैं। एक प्रासीक्यूटर ने बताया कि इस मामले में पकड़े गए 25 लोगों का पार्लियामेंट में जबरन हथियारों के साथ घुसने का पक्का इरादा था। इनमें से 22 लोग जर्मनी के नागरिक हैं। बाकी 3 लोगों में से एक रूसी महिला भी है जो इन लोगों का समर्थन कर रही थी।