
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने भी देश में चीनी छात्रों को प्रवेश से रोकने का फैसला ले लिया है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले चीनी विद्यार्थियों पर रोक लगाई जा सकती है। यह फैसला चीन की ओर से खतरों के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से लिया जाएगा। ब्रिटेन की कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विषयों के अध्ययन की चाहत रखने वाले विदेशी आवेदकों से संबंधित नियमों में बदलाव करेगी। यह बदलाव इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी के खतरों को देखते हुए किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2018-19 में ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में सभी पोस्टग्रेजुएट में से 12 फीसद चीनी विद्यार्थी थे। इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने ऐलान किया था कि बौद्धिक संपत्ति के चोरी होने के आरोप में चीनी विद्यार्थियों व रिसर्चरों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
पत्रकार लुसी फिशर (Journalist Lucy Fisher) के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग में मंत्रियों ने इस साल की शुरुआत में सख्त नियमों के लिए मंजूरी दे दी। उन्होंने बताया, 'ब्रिटेन में प्रवेश से सैंकड़ों छात्रों को रोका जा सकता है। इस क्रम में जिनका रजिस्ट्रेशन पहले हो चुका है यदि उनसे खतरे का आभास होगा तो रद किया जा सकता है। ब्रिटेन के शीर्ष रिसर्च लैब में छात्रों द्वारा इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) की चोरी की खबरों के बाद यह फैसला लिया गया है। चीनी विद्यार्थियों पर ब्रिटेन व अमेरिका में IP की चोरी के आरोप हैं।