उत्तराखंड में गुलदार के हमले रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड में गुलदार के बढ़ते हमलों को लेकर चिंता जताई. उन्होंने प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही अब मैदानी इलाकों में भी गुलदार का खौफ बढ़ रहा है. दून के राजपुर …
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड में गुलदार के बढ़ते हमलों को लेकर चिंता जताई. उन्होंने प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए.
पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही अब मैदानी इलाकों में भी गुलदार का खौफ बढ़ रहा है. दून के राजपुर क्षेत्र में पिछले दिनों घर के आंगन से गुलदार एक बच्चे को उठा ले गया था. जबकि, एक दिन पहले राजपुर के ही रिस्पना क्षेत्र में एक बच्चे पर हमला कर दिया था. वन विभाग की टीम अभी तक गुलदार का पता नहीं लगा पाई है. उधर, को नानकमत्ता में खेत में खेल रही चार वर्षीय बच्ची को गुलदार ने मार डाला. खटीमा में दो व्यक्तियों को भी घायल कर दिया. इन घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने वन महकमे के साथ बैठक की. उन्होंने ऐसी घटनाओं पर अकुंश लगाने के लिए ठोस प्लान मांगा. उन्होंने कहा कि गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाकर रात्रि गश्त भी बढ़ाई जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं हो रही हैं, वहां वन विभाग को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए. उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर मृतक के परिवारजनों को आर्थिक सहायता के रूप में दी जाने वाली सहायता राशि चार लाख से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने का प्रस्ताव जल्द लाने को कहा.
विस्तृत रिपोर्ट मांगी: धामी ने प्रदेश में नए वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर और वाइल्ड लाइफ में धारण क्षमता से अधिक जानवर होने की स्थिति में यदि बाहरी राज्यों से जानवरों की आवाजाही बढ़ रही है तो इसकी भी डिटेल रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने आगे कहा कि लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा भी मौजूद रहे.