उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों को मिले 1376 नर्सिंग अधिकारी
ऋषिकेश: राज्य के सरकारी अस्पतालों को को 1376 नर्सिंग अफसर मिल गए. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कैँट रोड स्थित आवास के मुख्य सेवक सभागार करीब 200 चयनित अफसरों को नियुक्ति पत्र वितरित किए. शेष को जिलावार नियुक्ति पत्र जारी होंगे. इस मौके पर सीएम ने आह्वान किया कि नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारी पूरी निष्ठा और …
ऋषिकेश: राज्य के सरकारी अस्पतालों को को 1376 नर्सिंग अफसर मिल गए. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कैँट रोड स्थित आवास के मुख्य सेवक सभागार करीब 200 चयनित अफसरों को नियुक्ति पत्र वितरित किए. शेष को जिलावार नियुक्ति पत्र जारी होंगे.
इस मौके पर सीएम ने आह्वान किया कि नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारी पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करें. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ काम कर रही है. राज्यहित से जुड़े विषय पर निर्णय लेने में तनिक भी देर नहीं लगाई जाती. सीएम ने नकल कानून का जिक्र करते हुए पूर्व में होने वाली भर्तियों में क्या होता था, किसी से छिपा नहीं है. पुरानी सरकारों के कलंक मिटाने के लिए ही सरकार कड़ा नकल विरोधी कानून लाई. इसकी बदौलत प्रदेश में नकल माफिया पर अंकुश लगा है. मेधावी युवाओं को भर्तियों पर उनकी योग्यता के अनुसार कामयाबी मिल रही है.
युवाओं की ओट में भरमाने वालों से सावधान रहना होगासीएम ने कहा कि नकल विरोधी कानून लागू करने में काफी विरेाध का भी सामना करना पड़ा. जो लोग खुद नकल के गैंग चलाते थे, खुद तो सामने नहीं आते थे. लेकिन युवाओं को भरमाते थे. ऐसे लोगों से भी प्रदेश के लोगों को सावधान रहना होगा.
पाठक जी की बिटिया भी बन गई अफसर: सीएम ने अपना एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि कुछ समय पहले कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता सर्वेश पाठक उनसे मिले थे. उन्होंने धन्यवाद दिया तो पूछा क्यों?मैने तो आपका कोई काम नहीं किया है? तो पाठक जी ने कहा कि आपकी भतीजी मत्स्य विभाग में अफसर चुन ली गई है. मेहनती है, प्रयास करती थी लेकिन पहले कामयाब नहीं हो पाती थी. पर जब से नकल कानून लागू हुआ तो पारदर्शिता आई और मेरी बिटिया का भी परीक्षा में चयन हो गया