उत्तराखंड

सावधान!.. कर्ज उतना ही लेना चाहिए, जितना आसानी से चुकाया जा सके

9 Jan 2024 12:04 AM GMT
सावधान!.. कर्ज उतना ही लेना चाहिए, जितना आसानी से चुकाया जा सके
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हरिद्वार: हाल के वर्षों में पर्सनल लोन लेने वाले लोगों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. कई लोग अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इस कर्ज के बोझ से दब जाते हैं, जिससे उनका दैनिक जीवन प्रभावित होने लगता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि अन्य कर्ज के मुकाबले पर्सनल लोन की ब्याज दरें अधिक होती …

हरिद्वार: हाल के वर्षों में पर्सनल लोन लेने वाले लोगों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. कई लोग अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इस कर्ज के बोझ से दब जाते हैं, जिससे उनका दैनिक जीवन प्रभावित होने लगता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि अन्य कर्ज के मुकाबले पर्सनल लोन की ब्याज दरें अधिक होती हैं, इसलिए कर्ज उतना ही लेना चाहिए, जितना आसानी से चुकाया जा सके. वरना लंबी अवधि तक कर्ज जारी रहने से ईएमआई जेब और परिवार पर भारी पड़ने लगती है.इसलिए जरूरी है अच्छा क्रेडिट स्कोर
यदि कोई शख्स कर्ज नहीं चुका पाता है तो वो डिफॉल्टर श्रेणी में आ जाता है. दोबारा आवेदन करने पर बैंक क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर जांचते हैं. क्रेडिट स्कोर खराब होने पर कई सालों तक कर्ज और क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत आती है. अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति के मुकाबले कम क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति को 1 फीसदी तक कर्ज महंगा मिल सकता है.
पर्सनल लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं तो एक सही प्लानिंग ही आगे की राह को आसान कर सकती है. पर्सनल लोन लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है. लोन और लोन की राशि से जुड़े कुछ सवालों का जवाब पहले ही खोज लिया जाए तो कर्ज के बोझ से जल्द से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है.

अन्य कर्ज के मुकाबले ब्याज दरें होती हैं ज्यादा प्पर्सनल लोन असुरक्षित कर्ज की श्रेणी में आता है, क्योंकि इसके लिए कर्ज लेने वाले को संपत्ति या कोई वस्तु गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है. इसलिए बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान होम और कार लोन के मुकाबले पर्सनल लोन पर ज्यादा ब्याज वसूलते हैं. इसकी ब्याज दरें 12 से 24 फीसदी तक हो सकती हैं. ऐसे में कर्ज लेने वाले को इसकी बड़ी ईएमआई चुकानी पड़ती है. पर्सनल लोन में ब्याज के अलावा प्रोसेसिंग फीस, ईएमआई बाउंस शुल्क, प्री-पेमेंट या फोरक्लोजर आदि शुल्क भी लगते हैं. कुल मिलाकर पर्सनल लोन कर्जदार की जेब पर भारी ही पड़ता है. निवेश सलाहाकारों का कहना है कि इस तरह का कर्ज लेने से पहले खुद को लिए मानसिक रूप से तैयार कर लेना चाहिए ताकि बाद में ईएमआई चुकाते समय किसी तरह का पछतावा न हो.

जरूरत से अधिक कर्ज लेना पड़ता है भारी जरूरत को पूरा करने के चक्कर में लोग बहुत ज्यादा कर्ज ले लेते हैं. बाद में उतनी ही बड़ी ईएमआई भी चुकानी पड़ती है. इससे पारिवारिक बजट तो बिगड़ता ही है, आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक असर पड़ता है. निवेश सलाहकारों का कहना है कि ज्यादा लंबी अवधि के लिए लोन लेने से बचना चाहिए. इससे आपकी किस्त बेशक छोटी हो जाएगी. कम समय की किस्त बड़ी होगी, लेकिन इससे आपका ज्यादा ब्याज नहीं जाएगा.
क्रेडिट स्कोर कम हुआ तो पड़ेगा असर अक्सर लोग अपने शौक पूरे करने या अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए मोटा पर्सनल ले लेते हैं, लेकिन समय पर चुका नहीं पाते हैं. लोन पर ब्याज की समय के साथ बढ़ती राशि आपकी पूरा गणित बिगाड़ सकती है. लोन लेने के बाद ईएमआई को समय पर न चुकाने या किसी तरह का गैप आने पर कर्जदार के क्रेडिट स्कोर पर गंभीर असर पड़ सकता है. स्कोर खराब होने पर भविष्य में लोन लेने में परेशानी आ सकती है.

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