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हाथरस गैंगरेप: क्षेत्र में भारी पुलिसबल की तैनाती...पीड़ित लड़की का शव उसके गांव पहुंचा... गांव वालों के भारी विरोध के बीच कराया गया अंतिम संस्कार

Admin2
30 Sep 2020 1:09 AM GMT
हाथरस गैंगरेप: क्षेत्र में भारी पुलिसबल की तैनाती...पीड़ित लड़की का शव उसके गांव पहुंचा... गांव वालों के भारी विरोध के बीच कराया गया अंतिम संस्कार
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ANI 

हाथरस गैंगरेप: क्षेत्र में भारी पुलिसबल की तैनाती...पीड़ित लड़की का शव उसके गांव पहुंचा... गांव वालों के भारी विरोध के बीच कराया गया अंतिम संस्कार

हाथरस में दरिंदगी की शिकार बेटी का पुलिस ने जबरन किया अंतिम संस्कार, नहीं सुनी परिवारवालों की गुहार

हाथरस गैंगरेप पीड़िता का शव देर रात गांव पहुंचा और ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया. हालांकि जब आधी रात में शव गांव पहुंचा तो ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं थे. लेकिन पुलिस ने भारी विरोध के बावजूद पीड़िता का अंतिम संस्कार करा दिया. लोगों के आक्रोश को देखते हुए क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है.




वहीं, परिवार ने शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था. उनका कहना था कि वो न्याय चाहते हैं. पुलिस भी परिवार को मनाने में जुटी रही.

गैंगरेप पीड़िता का शव रात में 12:45 पहुंचा. एंबुलेंस को जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाया रहा था तो लोगों ने उसे रोक दिया. एंबुलेंस पीड़िता के गांव के पास रात 2:35 बजे तक रुकी रही. 2:45 बजे बार-बार असफल प्रयासों के बाद पुलिस ने एम्बुलेंस को अंतिम संस्कार के लिए रवाना किया. इसके बाद पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया.

इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पुलिस जबरन पीड़िता का अंतिम संस्कार करना चाहती है. यूपी कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'पुलिस जबरन हाथरस पीड़िता का अंतिम संस्कार करने पर आमादा है. परिजन कह रहे हैं कि एक बार घर ले जाने दो. कितनी हैवानियत पर उतर आई है सरकार.' यूपी कांग्रेस ने ट्वीट के साथ वीडियो भी शेयर किया है जिसमें ग्रामीण एंबुलेस के सामने विरोध कर रहे हैं.



बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में पीड़िता की मौत के बाद लोगों में गुस्सा है. पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ दी गई है. इस पूरे केस को लेकर हाथरस पुलिस और योगी सरकार निशाने पर है. पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं.

पीड़िता के भाई ने कहा कि FIR के लिए हमें 8-10 दिन तक इंतजार करना पड़ा था. रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस एक आरोपी को पकड़ती थी और दूसरे को छोड़ देती थी. धरना-प्रदर्शन के बाद आगे की कार्रवाई हुई और आरोपियों को घटना के 10-12 दिन बाद पकड़ा गया. पीड़िता के भाई ने कहा कि पुलिसवालों ने एंबुलेंस तक नहीं मंगाई. बहन जमीन पर लेटी हुई थी. पुलिसवालों ने कह दिया था कि इन्हें यहां से ले जाओ. ये बहाने बनाकर लेटी हुई है.



क्या है पूरा मामला

14 सितंबर की सुबह हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में बूलगढ़ी गांव में युवती अपनी मां के साथ खेत में चारा काट रही थी. चारा काटते-काटते वो अपनी मां से थोड़ी दूरी पर जा पहुंची. इसी बीच गांव के ही चार युवक वहां पहुंचे और लड़की को उसके दुपट्टे से खींचकर बाजरे के खेत में ले गए. जहां उन चारों ने उसके साथ दरिंदगी को अंजाम दिया. आरोपियों ने विरोध करने पर लड़की को जमकर पीटा.

चारों आरोपी घटना के बाद लड़की को मरा समझकर वहां से फरार हो गए थे. लड़की की मां उसे ढूंढते हुए वहां पहुंची तो घटना का पता चला. लड़की को इलाज के लिए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. हाथरस पुलिस को सूचना दी गई. 15 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ने के बाद मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई.



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