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- क्या है एडीएचडी, जानिए...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हमेशा सक्रिय रहने में कोई बुराई नहीं है बल्कि इससे जीवन में कामयाबी ही मिलती है। समस्या तब होती है, जब अति सक्रियता की वजह से किसी व्यक्ति की दिनचर्या और सेहत के साथ उसके निजी, सामाजिक और प्रोफेशनल संबंध भी प्रभावित होने लगें। अगर किसी व्यक्ति के व्यवहार में चिड़चिड़ापन हो और अति सक्रिय होने के बावजूद वह कोई भी कार्य सही ढंग से पूरा न कर पाए तो यह एडीएचडी यानि अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसॉर्डर नामक मनोवैज्ञानिक समस्या का लक्षण हो सकता है। एडीएचडी को उसके लक्षणों की प्रमुखता के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है-इन अटेंशन टाइप और हाइपरऐक्टिविटी। पहली स्थिति में व्यक्ति को किसी एक काम में अपना ध्यान टिकाने में बहुत परेशानी होती है। इससे उसका व्यवहार बेहद चिड़चिड़ा हो जाता है। दूसरी स्थिति में व्यक्ति अनावश्यक रूप से सक्रिय हो जाता है, पर यह सक्रियता ज्यादातर नकारात्मक होती है।