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नई दिल्ली (New Delhi.)। भारतीय दिग्गज क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) अपने वनडे डेब्यू में कुछ खास कमाल नहीं कर सके थे। वह 2 गेंदों पर एक रन बनाकर पवेलियन (Pavilion) लौट गए थे। तब वीरू ओपनर नहीं थे। मोहाली में वह मिडिल ऑर्डर (Middle Order) में बैटिंग के लिए उतरे थे। उन्हें शोएब अख्तर ने एलबीडब्ल्यू आउट किया था।
नजफगढ़ के नवाब ने आरजे रौनक के नए शो पर 2 साल पहले बताया था कि जब वह बैटिंग के लिए क्रीज पर उतरे, तब लगभग सभी पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया गालियों से उनका स्वागत किया। वीरू ने कहा कि मैं उस समय 20-21 साल का था। जब मैं बैटिंग के लिए गया तो शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi), शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) और यूसुफ योहाना जो अब मोहम्मद यूसुफ बन गए हैं, सभी ने मेरा गालियों से वेलकम किया। वो ऐसी ऐसी गालियां दे रहे थे तो शायद मैंने पहले कभी सुनी भी नहीं थी।
पेप्सी कप (Pepsi Cup) के तहत खेले गए छठे मैच में भारत को 7 विकेट से हार मिली थी। भारतीय टीम एक गेंद बाकी रहते 196 रन पर ढेर हो गई थी। जवाब में पाकिस्तान ने 30 गेंद बाकी रहते 7 विकेट से मैच अपने नाम कर लिया।
दाएं हाथ के ओपनर ने बताया कि उनका यह पहला मैच था. इसलिए वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे. बकौल सहवाग, ' मैं पंजाब थोड़ा बहुत समझता हूं इसलिए मुझे कुछ कुछ समय आ रहा था कि वह क्या बोल रहे हैं, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता था। मैं थोड़ा नर्वस था।
सहवाग ने बताया कि उस मैच को 20 से 25 हजार लोग देखने आए थे और उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि इतने हजार लोगों के सामने उन्हें खेलने का मौका मिलेगा तो उस समय मैं कुछ नहीं कर पाया लेकिन बाद में जब मैं प्लेयर बना तब पाकिस्तान के सभी खिलाड़ियों को आड़े हाथों लिया।
उस डे नाइट मुकाबले में ओपनर सौरव गांगुली ने अर्धशतकीय पारी खेली थी जबकि रोबिन सिंह 42 रन बनाकर आउट हुए। सहवाग ने कहा कि वो गुस्सा मैंने 2003-04 में जब हम पाकिस्तान गए थे तब 300 रन बनाकर सारी गालियां मैंने उन्हें रिटर्न में की और 1999 का मैंने बदला लिया।
सहवाग ने तब मुल्तान टेस्ट मैच में तिहरा शतक जड़ा था. सहवाग ने कहा कि जब वह पाकिस्तान के खिलाफ खेलते थे उनका खून उबलने लगता था इसलिए उन्होंने अपने चिर प्रतिद्ंदी के खिलाफ अच्छा खेला।
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