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मोहम्मद कैफ ने टीम इंडिया में अपनी जगह खो दी, जिसके बाद वह फिर कभी वापसी नहीं कर पाए. धोनी ने साल 2004 में जब इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था तो उस समय टीम इंडिया में मोहम्मद कैफ अपने करियर के शिखर पर थे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने साल 2004 में जब इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था, तो उस समय टीम इंडिया में मोहम्मद कैफ अपने करियर के शिखर पर थे, लेकिन मोहम्मद कैफ ने एक-दो साल में ही टीम इंडिया में अपनी जगह खो दी, जिसके बाद वह फिर कभी वापसी नहीं कर पाए.
धोनी के साथ ऐसा बर्ताव कैफ को पड़ा महंगा
मोहम्मद कैफ ने एक बार स्पोर्ट्सस्क्रीन से बात करते हुए एक वाकया सुनाया जब उन्होंने पूरी भारतीय टीम को अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था. कैफ ने बताया कि 2006 में नोएडा में मैंने सभी भारतीय क्रिकेटरों को अपने घर पर खाने के लिए बुलाया था, लेकिन मैं सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे बड़े क्रिकेटरों के साथ व्यस्त था, जिसकी वजह से महेंद्र सिंह धोनी जैसे युवा खिलाड़ी को मैं ठीक से अटेंड नहीं कर पाया.
गांगुली और सचिन पर कैफ का ध्यान
मोहम्मद कैफ ने कहा, 'मैं उस समय बहुत नर्वस था जब सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे बड़े क्रिकेटरों को मैंने डिनर के लिए बुलाया था. साथ में तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल भी मौजूद थे. मुझे लगा मैं कैसे उनको अटेंड करूंगा. मेरा सारा ध्यान तेंदुलकर और गांगुली जैसे बड़े क्रिकेटरों की मेजबानी में था.'
अलग कमरे में बैठे थे धोनी
कैफ ने बताया कि एमएस धोनी और सुरेश रैना सहित अन्य युवा खिलाड़ी अलग कमरे में बैठे थे, लेकिन मैं सीनियर खिलाड़ियों के साथ व्यस्त था. मैं युवा खिलाड़ियों पर ध्यान नहीं दे पाया जो धोनी को शायद अच्छा नहीं लगा. कैफ ने हंसते हुए कहा, 'इस वजह से 2007 में धोनी जब कप्तान बने तो मैं टीम में वापसी नहीं कर सका, वो हमेशा मुझे याद दिलाते रहते हैं कि जब वो घर आए थे तो मैंने उनका अच्छे से ध्यान नहीं रखा था.'
धोनी ने कैफ को मारा ताना
कैफ ने मजाकिया अंदाज में कहा कि शायद तब धोनी के कप्तान बनने से पहले उनको ठीक से बिरयानी नहीं परोसना भारी पड़ गया. कैफ ने बताया कि तब धोनी ने उन्हें मजाकिया अंदाज में ताना मारते हुए कहा था कि जब वह घर आएंगे तो उनका ध्यान नहीं रखेंगे.
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