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स्पेन। युवा भारतीय शटलर शंकर सुब्रमण्यन ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में शनिवार को थाईलैंड के पी तीरारतसकुल पर 2-0 की ऐतिहासिक जीत दर्ज की। शंकर यहां खेले गए पुरुष एकल मुकाबले में तीरारतसकुल को 21-13, 21-15 से हराकर जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पुरुष बन गए। इससे पहले सुब्रमण्यन ने क्वार्टर फाइनल में चीन के झे आन हू को मात दी थी। शंकर ने तीरारतसकुल के खिलाफ पहला गेम जीतने में सिर्फ 16 मिनट का समय लिया। ब्रेक तक मुकाबला बराबरी का रहा और शंकर सिर्फ 11-9 से आगे थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने थाई प्रतिद्वंदी को वापसी नहीं करने दी और जंप स्मैश से गेम जीत लिया। दूसरा गेम 8-8 से बराबर होने के बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच 57 शॉट की रैली खेली गई, जिसके अंत में शंकर ने अपने प्रतिद्वंदी को कोर्ट के बाहर शॉट खेलने के लिये मजबूर किया।
12-18 से पिछड़ने के बाद थाई खिलाड़ी ने तीन लगातार पॉइंट स्कोर करके मैच को पलटना चाहा, लेकिन भारतीय शटलर ने ठोस डिफेंस के साथ मुकाबला 21-15 से जीतकर फाइनल में कदम रखा। साइना नेहवाल विश्व जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली इकलौती भारतीय शटलर हैं। उन्होंने 2006 में रजत पदक जीतने के बाद 2008 में स्वर्ण जीता था। यदि सुब्रमण्यन फाइनल मुकाबला जीत जाते हैं तो वह जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बन जाएंगे। इससे पहले सिरिल वर्मा 2015 में भारत के लिए पुरुष एकल का रजत जीत चुके हैं।
भारत ने अब तक इस टूर्नामेंट में एक स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्य पदक जीते हैं। विश्व जूनियर चैंपियनशिप 2018 में लक्ष्य सेन द्वारा जीता गया कांसे का तमगा इस प्रतियोगिता में भारत का आखिरी पदक था।
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