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बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई श्रीकांत

Ritisha Jaiswal
19 Dec 2021 7:13 AM GMT
बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई श्रीकांत
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भारतीय स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत ने शनिवार को इतिहास रच दिया. उन्होंने युवा लक्ष्य सेन को हराकर बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई

भारतीय स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत ने शनिवार को इतिहास रच दिया. उन्होंने युवा लक्ष्य सेन को हराकर बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई. वह बैडमिंटन की इस वर्ल्ड चैंपियनशिप (BWF World Championship) के खिताबी मुकाबले में पहुंचने वाले भारत के पहले पुरुष शटलर बन गए. श्रीकांत एक वक्त मुकाबले में पिछड़ रहे थे लेकिन अपने अनुभव और प्रतिभा का पूरा इस्तेमाल करते हुए उन्होंने लक्ष्य सेन को मात दी. लक्ष्य ने भी ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. श्रीकांत ने 17-21, 21-14, 21-17 से जीत दर्ज की.

28 साल के किदांबी श्रीकांत ने सेमीफाइनल मुकाबला एक घंटे और 9 मिनट में जीता. पूर्व नंबर-1 इस खिलाड़ी के पास अब गोल्ड जीतने का बड़ा मौका है. वहीं, लक्ष्य सेन ने भी अपना नाम रिकॉर्डबुक में दर्ज कराया. वह दिग्गज प्रकाश पादुकोण और बी साई प्रणीत की लिस्ट में शामिल हो गए हैं. प्रकाश ने साल 1983 में जबकि प्रणीत ने 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप का ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था.
अब खिताब के लिए 12वीं वरीयता प्राप्त श्रीकांत का सामना डेनमार्क के एंडर्स एंटोंसन और सिंगापुर के कीन येव लोह के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा. लक्ष्य सेन ने इस मुकाबले के पहले गेम में अच्छा खेल दिखाया और 11-8 की बढ़त बना ली. श्रीकांत ने वापसी की कोशिश की और स्कोर 17-16 किया लेकिन युवा लक्ष्य ने लगातार 5 अंक बटोरते हुए पहला गेम जीता.
श्रीकांत इसके बाद लय में लौटे और 21 मिनट में दूसरा गेम 21-14 से जीत लिया. तीसरे और निर्णायक गेम में लक्ष्य ने बढ़त बनाई और वह एक वक्त 13-10 से आगे चल रहे थे. ऐसे में श्रीकांत ने लक्ष्य की कुछ गलतियों का फायदा उठाते हुए और अपना तमाम अनुभव दिखाकर पहले स्कोर 13-13 और फिर 16-16 किया. श्रीकांत ने फिर लगातार 3 अंक बटोरे और 21-17 से गेम और मुकाबला जीतकर फाइनल में जगह बना ली.
वर्ल्ड चैंपियनशिप के महिला सिंगल्स में भारत की सुपरस्टार शटलर पीवी सिंधु ने 2 बार सिल्वर, 2 बार ब्रॉन्ज और एक बार गोल्ड मेडल (2019) जीता है. वहीं, डबल्स में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था. साइना नेहवाल ने एक बार सिल्वर और एक ब्रॉन्ज इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपने नाम किया है


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