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special brithade: आज अपना 22वां जन्मदिन मना रहे है सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शा

Ritisha Jaiswal
9 Nov 2021 6:14 AM GMT
special brithade: आज अपना 22वां जन्मदिन मना रहे है सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शा
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भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शा ने 19 साल से भी कम की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शा ने 19 साल से भी कम की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था और अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक ठोका था। वे भारत के लिए सबसे कम उम्र में डेब्यू करते हुए शतक ठोकने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। उन्होंने 18 साल 329 दिन की उम्र में टेस्ट डेब्यू में शतक ठोका था। हालांकि, इससे पहले का जीवन पृथ्वी शा के लिए आसान नहीं रहा। आज हम पृथ्वी शा की बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आज उनका 22वां जन्मदिन है।

9 नवंबर 1999 को महाराष्ट्र के ठाणे में जन्मे पृथ्वी शा शुरुआत से ही संघर्ष करते रहे, क्योंकि चार साल की उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया था। हालांकि, उनका जो बचपन का सपना था कि उनको क्रिकेटर बनना है, उसको उनके पिता ने पूरा कराया। इतना ही नहीं, पृथ्वी शा अपने पिता के भरोसे पर खरे उतरे और देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू भी किया। यहां तक कि घरेलू क्रिकेट में उन्होंने 14 साल की उम्र में ही अपना नाम बना लिया था, क्योंकि एक एज ग्रुप टूर्नामेंट के मैच में उन्होंने दो दिन बल्लेबाजी करते हुए 330 गेंदों में 85 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 546 रन की पारी खेली थी। इस पारी की बदौलत पृथ्वी शा लोगों की नजरों में आए थे।
पृथ्वी शा का बचपन विरार में बीता और बताया जाता है कि उन्होंने तीन साल की उम्र से बल्ला पकड़ लिया था और वे उस समय प्लास्टिक की बाल से खेलते थे। कुछ समय के बाद उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट एकेडमी में डाल दिया था। इसके लिए भी पिता और बेटे को काफी मेहनत करनी पड़ी थी, क्योंकि ये क्रिकेट एकेडमी बांद्रा में थी। वो रोज विरार से बांद्रा ट्रेनिंग के जाते थे। इसके लिए पिता को सुबह 4 बजे जगना होता था।
पिता ने बेची दुकान
पृथ्वी के पिता की कपड़ों की दुकान थी, लेकिन इस दुकान को बेटे के करियर के लिए बेच दिया गया। बहुत विरले लोग होते हैं जो इतनी कम उम्र से अपने बेटे का सपोर्ट करते हैं और उसके लिए हर एक चीज को न्योछावर कर सकते हैं। पृथ्वी के दिमाग में बचपन से ही क्रिकेट ही घूमा करती थी। इस दौरान बाप-बेटे ने कई उतार-चढ़ाव देखे। यहां तक कि पैसों की तंगी भी झेली, लेकिन ये संघर्ष बाप-बेटे की तपस्या का सामने दम तोड़ने वाला था और ऐसा ही हुआ भी।व
पृथ्वी ने खेली 546 रन की पारी
पृथ्वी शा ने पहली बार 2013 में नाम कमाया था और वे हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में रिजवी स्प्रिंगफील्ड स्कूल की तरफ से खेलते हुए सेंट फ्रांसिस स्कूल के खिलाफ 330 गेंद में 546 रन की पारी खेलने में कामयाब हुए थे। हालांकि, इतनी बड़ी पारी खेलने के बाद भी उनके पिता उनसे नाराज थे, क्योंकि वे नाट आउट नहीं लौटे थे। वहीं, इस पारी के बाद महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भी पृथ्वी के मुरीद हो गए थे और उन्हें एक बैट गिफ्ट किया था
2016 में बदली किस्मत
साल 2016 में पृथ्वी शा की किस्मत उस समय बदली, जब वे भारत की अंडर 19 टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए और उनको बाद में कप्तानी भी मिली। इस टीम ने पहले श्रीलंका में एशिया कप जीता था। उसी साल उन्होंने रणजी क्रिकेट में डेब्यू किया और दूसरी पारी में शतक ठोका था। वहीं, 2 साल बाद 2018 में पृथ्वी की कप्तानी में भारत ने अंडर 19 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था और फिर इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, क्योंकि उसी साल उनको आइपीएल नीलामी में 1.2 करोड़ रुपये दिल्ली की टीम से मिले थे।
पृथ्वी शा करियर
भारत के लिए पृथ्वी शा ने तीनों फार्मेट में डेब्यू कर लिया है। वे अब तक 5 टेस्ट, 6 वनडे इंटरनेशनल और एक टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 1 शतक और दो अर्धशतकों के साथ 339 रन बना बनाए हैं, जबकि वनडे क्रिकेट में उन्होंने 189 रन बनाए हैं। इसके अलावा एकमात्र टी20 इंटरनेशनल मैच में वे एक भी रन नहीं बना सके हैं। पृथ्वी को 53 आइपीएल मैचों का भी अनुभव है, जिसमें वे 10 अर्धशतकों के साथ 1305 रन बना चुके हैं।


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