x
लाहौर। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) से आपात बैठक बुलाने का आग्रह किया है क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने बयान दिया है कि भारत अगले साल एशिया कप के लिए पाकिस्तान की यात्रा नहीं कर पाएगा। भारत महाद्वीपीय टूर्नामेंट को तटस्थ स्थान पर खेलना पसंद करेगा और पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा, शाह के इस बयान पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए पीसीबी ने कहा कि इस तरह के बयान एशियाई और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समुदायों को विभाजित कर सकते हैं और 2023 विश्व कप के लिए पाकिस्तान की भारत यात्रा को भी प्रभावित कर सकते हैं। मंगलवार को बीसीसीआई की आम सभा की बैठक के बाद बयान देने वाले शाह एसीसी के अध्यक्ष भी हैं।
पीसीबी ने बयान में कहा, ''इस तरह के बयान में क्षमता है कि ये एशियाई और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समुदायों को विभाजित कर सकते हैं और क्रिकेट विश्व कप 2023 तथा 2024-31 चक्र में भारत में भविष्य की आईसीसी प्रतियोगिताओं के लिए पाकिस्तान की भारत यात्रा को भी प्रभावित कर सकते हैं।'' बयान के अनुसार, ''पीसीबी को अब तक एसीसी अध्यक्ष के बयान पर एसीसी की ओर से कोई आधिकारिक संवाद या स्पष्टीकरण नहीं मिला है। पीसीबी ने अब एशियाई क्रिकेट परिषद से आग्रह किया है कि वह महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए व्यावहारिक रूप से जितना जल्दी संभाव हो अपने बोर्ड की आपात बैठक बुलाए।''
पाकिस्तान को एशिया कप की मेजबानी का अधिकार सौंपा गया है जिसका आयोजन भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप से पहले अगले साल अक्टूबर-नवंबर में होगा। श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण पिछले महीने वहां से टी20 एशिया कप को यूएई स्थानांतरित किया गया था। भारत में 2018 में होने वाले एशिया कप को भी यूएई में स्थानांतरित किया गया था क्योंकि बीसीसीआई पाकिस्तान की मेजबानी के लिए सरकारी सुरक्षा एजेंसियों से स्वीकृति हासिल नहीं कर पाया था। भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण सिर्फ एशियाई और आईसीसी प्रतियोगिताओं में ही एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं। भारत ने पिछली बार 2008 में पाकिस्तान का दौरा किया था जबकि पाकिस्तान ने भारत में पिछली श्रृंखला 2012-13 में खेली थी।
पीसीबी ने कहा कि शाह का बयान हैरानी भरा और साथ ही निराशाजनक है। बोर्ड ने कहा, ''अगले साल के एशिया कप को तटस्थ स्थल पर स्थानांतरित करने के संबंध में एसीसी अध्यक्ष जय शाह के कल के बयान से पीसीबी हैरान और निराश है।'' उन्होंने कहा, ''ये बयान एशियाई क्रिकेट परिषद के बोर्ड या पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (प्रतियोगिता का मेजबान) से चर्चा या सलाह मशविरे के बिना दिया गया और इसके दीर्घकालिक परिणामों के बारे में भी नहीं सोचा गया।'' बयान के अनुसार, ''शाह की अध्यक्षता में एसीसी बैठक के दौरान एसीसी के बोर्ड सदस्यों के जबर्दस्त समर्थन के बीच एसीसी एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान को मिलने के बाद एसीसी एशिया कप को स्थानांतरित करने का बयान स्पष्ट तौर पर एकतरफा है। ''
अगले महीने मेलबर्न में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बोर्ड की बैठक में पीसीबी और बीसीसीआई अधिकारियों के बीच यह मुद्दा उठने की उम्मीद है। आईसीसी ने अब तक इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। क्रिकेट खेलने वाले एक एशियाई देश के शीर्ष अधिकारी ने उम्मीद जताई कि यह मामला सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटा लिया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत या पाकिस्तान के बिना एशिया कप नहीं हो सकता। अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ''यह एशिया कप का सबसे बड़ा मुकाबला है और दोनों में से अगर कोई टीम नहीं खेलती तो फिर टूर्नामेंट का कोई मतलब नहीं है।
काफी समय बचा है लेकिन उम्मीद करता हूं कि मामला सुलझा लिया जाएगा। बीसीसीआई अगर अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने के खिलाफ फैसला करता है तो तटस्थ स्थल सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।'' पाकिस्तान इसलिए भी नाराज है क्योंकि शीर्ष देशों ने लंबे समय बाद यहां का दौरा शुरू किया और हाल के वर्षों में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज जैसे सभी शीर्ष देश टेस्ट और सीमित ओवरों की श्रृंखला खेलने यहां आए हैं। पीसीबी ने कहा, ''सितंबर 1983 में जिस भावना के साथ एशियाई क्रिकेट परिषद का गठन किया गया था यह उसके खिलाफ है- एक एकजुट एशियाई क्रिकेट संस्था जो अपने सदस्यों के हितों की रक्षा करेगी और एशिया में क्रिकेट का आयोजन, विकास करेगी और इसे बढ़ावा देगी। ''
पीसीबी के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि इस बार बोर्ड बीसीसीआई के साथ कड़ा रुख अपनाने को तैयार है और मेलबर्न में बैठक के दौरान आईसीसी से संपर्क करेगा। एशिया कप के मामले का हल नहीं निकलने पर पीसीबी ने भारत में एकदिवसीय विश्व कप से हटने की धमकी भी दी है। सूत्र ने कहा, ''यह कहना गलत होगा कि अगर भारत और पाकिस्तान एशिया या आईसीसी प्रतियोगिताओं में एक-दूसरे से नहीं खेलेंगे तो सिर्फ पाकिस्तान पर असर पड़ेगा।
इस तरह के बहुप्रतीक्षित मुकाबले से आईसीसी को भी काफी राजस्व मिलता है अगर अगर यह नहीं होता है तो अन्य क्रिकेट देशों (एसोसिएट सदस्यों सहित) को भी नुकसान होगा।'' आईसीसी भारत और पाकिस्तान को वैश्विक प्रतियोगिताओं दौरान एक ही ग्रुप में रखता आया है और दोनों टीम के बीच होने वाले मैच के दौरान स्टेडियम तो दर्शकों से भरा ही होता है जबकि टेलीविजन पर भी रिकॉर्ड संख्या में दर्शक इस मुकाबले को देखते हैं। दोनों टीम आगामी टी20 विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत रविवार को एक-दूसरे के खिलाफ खेलकर करेंगे।
Next Story