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पिछली जीत से भी विशाल विजय चाहेगी मुंबई इंडियंस : सुनील गावस्कर

Ritisha Jaiswal
8 Oct 2021 6:16 AM GMT
पिछली जीत से भी विशाल विजय चाहेगी मुंबई इंडियंस : सुनील गावस्कर
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खेल का ये सबसे छोटा प्रारूप काफी अप्रत्याशित है। किसने सोचा था कि हैदराबाद की टीम बेंगलुरु की मजबूत टीम पर भारी पड़ेगी लेकिन ऐसा हुआ

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | खेल का ये सबसे छोटा प्रारूप काफी अप्रत्याशित है। किसने सोचा था कि हैदराबाद की टीम बेंगलुरु की मजबूत टीम पर भारी पड़ेगी लेकिन ऐसा हुआ। और इसके साथ ही प्लेआफ की कोशिशों में जुटी मुंबई को भी हैदराबाद ने चिंतित तो कर ही दिया है। बेशक सबकुछ कोलकाता और राजस्थान के मैच पर निर्भर करता है। अगर कोलकाता को जीत मिलती है तो मुंबई को हैदराबाद के खिलाफ आखिरी मैच में और बेहतर खेल दिखाना होगा। ये जीत पिछले मैच में राजस्थान पर मिली जीत से भी बड़ी होनी चाहिए। बेशक टीमें ये बात जानती हैं कि वो सिर्फ उन्हीं चीजों को नियंत्रित करने की कोशिश कर सकती हैं जो उनके हाथ में हैं। न कि दूसरे मैचों के नतीजों को। हालांकि ये भी उतना ही सच है कि कोलकाता और राजस्थान का मैच इस बात पर गहरा असर डालेगा कि मुंबई अपने आखिरी लीग मैच में हैदराबाद के खिलाफ किस मानसिकता के साथ उतरती है।

दिन के एक और मुकाबले में बेंगलुरु की मानसिकता भी चेन्नई के प्रदर्शन को ध्यान में रखकर ही तय होगी। यहां भी चेन्नई जीत गई तो बेंगलुरु अपने तीसरे स्थान से संतुष्ट हो जाएगा लेकिन अगर चेन्नई को हार मिलती है तो बेंगलुरु का नंबर दिल्ली के खिलाफ ऐसी धमाकेदार जीत दर्ज करने का प्रयास होगा जिससे वो अंक तालिका में दूसरे स्थान पर पहुंच सके। हालांकि इस पूरे सत्र में दिल्ली ने सभी टीमों के खिलाफ जैसा जबरदस्त दबदबे भरा प्रदर्शन किया है उसे देखते हुए ये एक बड़ी चुनौती होगी लेकिन हम पहले भी विराट कोहली को नामुमकिन को मुमकिन करते हुए देख चुके हैं। एबी डिविलियर्स यूएई चरण में फार्म में नहीं दिख रहे हैं और छठे नंबर पर भेजे जाने से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। या ये भी हो सकता है कि डिविलियर्स ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन प्लेआफ के लिए बचाकर रखा हुआ है, जहां चुनौती और ज्यादा होगी।
मुंबई खुश होगी कि राजस्थान के खिलाफ नाथन कूल्टर नाइल और जिमी नीशाम को विकेट मिले। इससे हर मैच में प्रदर्शन करने के दबाव से जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बोल्ट को राहत मिली होगी। जब सपोर्टिंग खिलाड़ी मुख्य भूमिका निभाने लग जाएं तो कप्तान का काम काफी आसान हो जाता है। और अब कप्तान को बिना किसी अन्य खिलाड़ी की फार्म की चिंता किए वैसी पारी खेलनी चाहिए जिसके लिए न केवल मुंबई बल्कि दुनियाभर के प्रशंसक उन्हें जानते हैं। हम सभी की जिंदगी में कुछ दिन ऐसे आते हैं जब दिन की सुस्त शुरुआत होती है और दोपहर तक का वक्त दिमाग और शरीर का तालमेल बनने में निकल जाता है। टीमों के लिए अब सुस्त सुबह का वक्त निकल चुका है और अगर अब उन्होंने तालमेल नहीं बैठाया तो उन्हें अगले साल का इंतजार करना होगा। (टीसीएम)


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