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100वें टेस्ट में भारत की निगाहें एक और बड़ी जीत पर, शीर्ष क्रम की चिंता बरकरार

Admin4
16 Feb 2023 10:01 AM GMT
100वें टेस्ट में भारत की निगाहें एक और बड़ी जीत पर, शीर्ष क्रम की चिंता बरकरार
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नई दिल्ली। केएल राहुल का लंबे समय से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन भारत फिर भी शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रबल दावेदार के रूप में शुरूआत करेगा और कोशिश करेगा कि फिर से तीन दिन में नतीजा हासिल कर सके. यह मैच भारतीय क्रिकेट के कम सुर्खियों में रहने वाले बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के करियर का 100वां टेस्ट होगा, जहां तक पहुंचने में उन्हें 13 साल लगे. पुजारा 20वां टेस्ट शतक जड़कर इस व्यक्तिगत उपलब्धि का जश्न मनाना चाहेंगे, लेकिन भारत के शीर्ष क्रम की चिंता बरकरार हैं.
कप्तान रोहित शर्मा को छोड़ दें तो अन्य बल्लेबाज शुरूआती टेस्ट में नहीं चल सके. नागपुर में पहले टेस्ट में रोहित ने शतकीय पारी खेली. राहुल के अलावा संघर्ष करने वाले खिलाड़ियों की सूची में विराट कोहली और कुछ हद तक पुजारा भी शामिल हैं. स्पिनरों का सामना करने में कोहली कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसलिये कोहली का फिर से नाथन लियोन और टॉड मर्फी का सामना करना दिलचस्प हो सकता है.
केएल राहुल के लिए समय निकलता जा रहा है क्योंकि शुभमन गिल को बेहतरीन फॉर्म में होने के बावजूद इंतजार करना पड़ रहा है. राहुल 46 टेस्ट करियर में मिले इतने सारे मौकों का फायदा नहीं उठा सके हैं और उनका औसत भी 34 से कम का रहा है. अंतिम दो टेस्ट के लिये टीम की घोषणा से पहले अगर कर्नाटक का यह 30 वर्षीय खिलाड़ी फिर असफल रहता है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम प्रबंधन क्या फैसला करता है.
रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने नागपुर में पारी की जीत के दौरान आस्ट्रेलियाई टीम को काफी दबाव में ला दिया था लेकिन फिरोजशाह कोटला में एक और धीमी गति की टर्न लेने वाली पिच होगी या नहीं, इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. वहीं आस्ट्रेलियाई टीम जब तक अच्छी बल्लेबाजी नहीं करेगी तब तक इस टेस्ट को पांचवें दिन तक नहीं ले जा पाएगी. फिरोजशाह कोटला की पिच पर जब नमी सूख जायेगी तो यह पिच निर्जीव हो जाएगी.
भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं थी कि हाल के दिनों में जडेजा, (अभी चोटिल) ऋषभ पंत और (फिट हो चुके) श्रेयस अय्यर की मध्यक्रम की तिकड़ी ने ज्यादातर मौकों पर टीम को संकट से बाहर निकाला है. यहां तक कि नागपुर में शुरूआती टेस्ट में भी आस्ट्रेलियाई टीम को समेटने का काम अक्षर पटेल और जडेजा की जोड़ी ने किया था. कोटला की पिच जामथा की तुलना में थोड़ी धीमी हो सकती है जिससे भारतीय बल्लेबाजों को अपने कप्तान की तरह की बल्लेबाजी का अनुकरण करना होगा जिसमें रक्षात्मक होने के साथ आक्रामकता भी हो.
मैदान में एक तरफ छोटी बाउंड्री है तो आस्ट्रेलियाई कप्तान कप्तान पैट कमिंस ओल्ड पवेलियन छोर से नाथन लियोन को गेंदबाजी कराने में सतर्क रहेंगे क्योंकि लेग साइड की बाउंड्री मुश्किल से 60 मीटर होगी. वहीं अय्यर ने पीठ के निचले हिस्से में चोट के बाद अपना रिहैब पूरा कर लिया है और मौजूदा टीम प्रबंधन के नियमों के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होने से पहले अच्छा प्रदर्शन कर रहा था तो उसे अंतिम एकादश में अपनी जगह वापस मिल जाएगी. बल्कि द्रविड़ ने कहा था, अगर अय्यर पांच दिवसीय टेस्ट का कार्यभार संभाल लेते हैं तो वह टीम में शामिल हो सकते हैं.
अय्यर ने 30 दिन से अधिक समय तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है तो उनकी मैच फिटनेस की जांच किए बिना उन्हें सीधे टेस्ट मैच में खिलाना क्या जोखिम भरा नहीं होगा? यह सवाल थोड़ा मुश्किल है. वहीं सूर्यकुमार यादव के मामले में अय्यर की जगह शामिल करने से कहीं ज्यादा भारत उन्हें मध्य क्रम में पंत का रवैया अख्तियार करने के रूप में खिलाना चाहता है क्योंकि कोना भरत अच्छे विकेटकीपर हैं जो बल्लेबाजी भी कर सकते हैं.
वहीं डेविड वॉर्नर को एक और मौका मिलेगा या नहीं, यह सवाल कायम है. वॉर्नर का खराब प्रदर्शन आस्ट्रेलिया के लिए चिंता का विषय है. क्या उन्हें एक और मौका मिलता है यह देखना होगा. टीम में मैट कुहनेमैन के रूप में एक अतिरिक्त बाएं हाथ का स्पिनर लाने के बाद यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या आस्ट्रेलिया तीन स्पिनरों के साथ उतरने का फैसला करता है या नहीं. मिचेल स्टार्क अगर फिट होते हैं तो स्कॉट बोलैंड की जगह ले सकते हैं.
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, शुभमन गिल, रविद्र जडेजा, केएस भरत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, सूर्यकुमार यादव, उमेश यादव, इशान किशन (विकेटकीपर).
पैट कमिंस (कप्तान), डेविड वॉर्नर, उस्मान ख्वाजा, मारनस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड, एलेक्स केरी (विकेटकीपर), मैट रेनशॉ, पीटर हैंड्सकॉम्ब, नाथन लियोन, एश्टन एगर, स्कॉट बोलैंड, लांस मॉरिस, मिशेल स्वेपसन, टॉड मर्फी, जोश हेजलवुड (अनुपलब्ध), कैमरन ग्रीन (अनुपलब्ध), मिचेल स्टार्क (दूसरे टेस्ट से).
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