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काफी अरसे से राष्ट्रीय युवा बॉक्सिंग टीम के कोच का पद संभाल रहे भास्कर भट्ट का विश्व चैम्पियनशिप से पहले सीनियर महिला मुक्केबाजी टीम का कोच बनना तय है. क्योंकि भारतीय मुक्केबाजी संघ (BFI) ने हाई परफार्मेंस निदेशक राफेल बर्गमास्को और मुख्य कोच मोहम्मद अली कमर के अनुबंधों को आगे नहीं बढ़ाया है. वहीं, मुक्केबाजी संघ ने टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन के खिलाफ नेशनल चैम्पियन अरुंधति चौधरी की ओर से ट्रायल के अनुरोध को खारिज कर दिया.
बीएफआई के महासचिव हेमंत कालिता ने पीटीआई को बताया कि लवलीना को 70 किलो भारवर्ग में सीधे प्रवेश देने के निर्णय पर फिर से विचार नहीं किया जाएगा. इससे पहले अरुंधति ने एक खुला पत्र जारी कर खेल संघ की निष्पक्षता बनाए रखने और हर बार खुद को साबित करने की जरूरतों का हवाला देते हुए ट्रायल की मांग की थी.
कालिता ने कहा, 'महिला विश्व चैम्पियनशिप के लिए कोई ट्रायल नहीं होगा. जैसा कि सितंबर में कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान तय किया गया था. लवलीना के वर्ग को छोड़ कर हर वर्ग के राष्ट्रीय चैम्पियन भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. लवलीना को सीधे प्रवेश देने का निर्णय उनके टोक्यो ओलंपिक प्रदर्शन पर आधारित था. इसे बदला नहीं जाएगा.
उत्तराखंड के रहने वाले 56 वर्षीय भास्कर भट्ट 2017 से युवा टीम के साथ हैं. इसके अलावा वह 2005 से 2012 तक सीनियर महिला शिविर में सहायक कोच थे. परिवार के साथ समय बिताने के लिए उन्होंने 2012-2017 के दौरान कोचिंग से ब्रेक लिया था. पूर्व राष्ट्रीय कांस्य पदक विजेता भट्ट 1989 में पटियाला में मौजूद राष्ट्रीय खेल संस्थान से कोचिंग में डिप्लोमा पूरा करने के बाद 1992 में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से जुड़े थे. उनके भाई डीपी भट्ट भी मुक्केबाज रह चुके हैं.
गौरतलब है कि महिला विश्व चैम्पियनशिप का आयोजन दिसंबर में इस्तांबुल में होना है. हालांकि प्रतियोगिता के तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है. चौबीस साल की लवलीना बोरगोहेन इस स्पर्धा में दो बार की कांस्य पदक विजेता हैं, वहीं 19 साल की अरुंधति चौधरी ने इस साल की शुरुआत में युवा विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था.
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