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भारत - वेस्टइंडीज के बीच वन डे सीरीज शुरू होने से पहले कोहली ने कप्तानी को लेकर ये बड़ी बात

Bharti sahu
1 Feb 2022 8:00 AM GMT
भारत - वेस्टइंडीज के बीच वन डे सीरीज शुरू होने से पहले  कोहली ने कप्तानी को लेकर ये बड़ी बात
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विराट कोहली अब टीम इंडिया के किसी भी फॉर्मेट के कप्तान नहीं हैं। जब से विराट कोहली ने टेस्ट कप्तानी छोड़ी है,

विराट कोहली अब टीम इंडिया के किसी भी फॉर्मेट के कप्तान नहीं हैं। जब से विराट कोहली ने टेस्ट कप्तानी छोड़ी है, उसके बाद वे कम ही बोले हैं और कप्तानी को लेकर तो कुछ कहा ही नहीं है, लेकिन भारत और वेस्टइंडीज के बीच वन डे सीरीज शुरू होने से पहले विराट कोहली ने कप्तानी को लेकर बड़ी बात कही है। पूर्व कप्तान एमएस धोनी का उदाहरण देते हुए विराट कोहली ने कहा है कि नेतृत्वकर्ता होने के लिए किसी को टीम का कप्तान होना जरूरी नहीं है और अब भारतीय टीम का कप्तान नहीं होने के कारण वह टीम के मुख्य बल्लेबाज के रूप में और अधिक योगदान दे सकते हैं। विराट कोहली ने इस महीने की शुरुआत में क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया जब दक्षिण अफ्रीका में 1-2 से सीरीज गंवाने के बाद उन्होंने टेस्ट कप्तानी छोड़ दी। वह भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं। इससे पहले टी20 विश्व कप के बाद विराट कोहली ने इस फॉर्मेट में भारतीय टीम की कप्तानी छोड़ दी थी और बाद में उन्हें एकदिवसीय टीम के कप्तान के रूप में हटा दिया गया था।

बल्लेबाज के रूप में और अधिक दे सकते हैं योगदान
डिजिट की फायरसाइड चैट विद वीके में विराट कोहली ने बात की कि कैसे टीम का नेतृत्वकर्ता नहीं होने के बावजूद टीम के लिए योगदान दिया जा सकता है। कोहली ने कहा कि सभी चीजों का एक कार्यकाल और समय होता है। बेशक आपको इसकी जानकारी होनी चाहिए। लोग कह सकते हैं कि 'इस आदमी ने यह क्या कर दिया' लेकिन आपको पता है कि जब आप आगे बढ़ने और अधिक उपलब्धियां हासिल करने के बारे में सोचते हो, आपको महसूस होता है कि आपने अपना काम कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब बल्लेबाज के रूप में शायद आप टीम के लिए अधिक योगदान दे सकते हो। आप टीम को अधिक जीत दिला सकते हो। इसलिए इस पर गर्व कीजिए। नेतृत्वकर्ता होने के लिए आपको कप्तान होने की जरूरत नहीं है। यह सामान्य सी बात है।
एमएस धोनी के पास सलाह के लिए जाते थे
कोहली पहले धोनी की जगह टेस्ट में और फिर लिमिटेड ओवरों के क्रिकेट में भारतीय टीम के कप्तान बने। उन्होंने कहा कि जब महेंद्र सिंह धोनी टीम में था तो ऐसा नहीं था कि वह नेतृत्वकर्ता नहीं था। वह फिर भी वह व्यक्ति था जिसके पास हम सलाह के लिए लगातार जाया करते थे। इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि लेकिन उसे समझना था कि हां यह नैसर्गिक प्रगति है और मेरे जिम्मेदारी संभालने का स्वाभाविक समय और भारतीय क्रिकेट को उस स्तर पर आगे ले जाना जहां मैं चाहता हूं। जब तक मुझे लगता है कि मैंने यह काम अच्छी तरह किया है और मेरा कोई भौतिकवादी लक्ष्य नहीं है तो फिर इसका प्रभाव लंबा होता है। कोहली ने आगे बढ़ने के समय पर भी बात की।
टेस्ट टीम के कप्तान का नहीं किया गया है ऐलान
रोहित शर्मा को उनकी जगह सीमित ओवरों के प्रारूप में भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गई है लेकिन बोर्ड ने पांच दिवसीय प्रारूप में उनके उत्तराधिकारी की घोषणा अभी नहीं की है। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने का फैसला करना भी नेतृत्वक्षमता का हिस्सा है, समझना होगा कि इसका सही समय होता है। यह समझना होगा कि शायद माहौल को अलग दिशा की जरूरत है। बेशक समान संस्कृति लेकिन अगले विचार जिससे लोग अलग तरह से प्रेरित हो और अलग तरीके से योगदान दें। कोहली ने कहा कि व्यक्ति को सभी तरह की भूमिका और जिम्मेदारियों को अपनाना होता है। मैं महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में खिलाड़ी के रूप में खेला और लंबे समय तक टीम का कप्तान भी रहा, मेरी मानसिकता नहीं बदली।


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