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श्रीलंका के महान स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन ने कहा है कि भारत के पास सफेद गेंद के क्रिकेट में इतने स्तरीय खिलाड़ी और गहराई मौजूद है कि देश ने टी20 प्रारूप में अकल्पनीय प्रतिभा पूल तैयार किया है. टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट चटकाने वाले एकमात्र गेंदबाज और सर्वकालिक महान ऑफ स्पिनर ने यह टिप्पणी इस बात को ध्यान में रखते हुए की है कि रविचंद्रन अश्विन जैसी प्रतिभा वाले गेंदबाज को सीमित ओवरों के प्रारूपों के लिए भारत की अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए जूझना पड़ता है.
टेस्ट क्रिकेट में 450 विकेट चटकाने के करीब पहुंचे अश्विन तीन साल से अधिक समय तक बाहर रहने के बाद एक बार फिर सीमित ओवरों की टीम में जगह बनाने में सफल रहे हैं. मुरलीधन ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ''भारतीय क्रिकेट में काफी स्तरीय विकल्प मौजूद हैं. सीमित ओवरों के क्रिकेट में शीर्ष भारतीय स्पिनरों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है.'' उन्होंने कहा, ''लाल गेंद के क्रिकेट में इतनी प्रतिस्पर्धा नहीं है क्योंकि अश्विन शीर्ष पर है. वह बेजोड़ है. जैसे ही हम टी20 की ओर देखते हैं, आईपीएल के कारण वहां इतने सारे प्रतिभाशाली विकल्प है क्योंकि इतने सारे मुकाबले खेले जाते हैं. यह निश्चित तौर पर भारतीय क्रिकेट की गहराई बयां करता है.
'दूसरा' गेंद को सबसे सफलतापूर्वक इस्तेमाल करने वाले गेंदबाजों में शामिल मुरलीधरन ने कभी अपने मजबूत पक्ष से समझौता नहीं किया जो उनकी ऑफ स्पिन गेंदबाजी है जिससे वह सपाट पिचों पर भी गेंद को काफी टर्न करा पाते थे. यह पूछने पर कि क्या ऑफ स्पिनर सीमित ओवरों के क्रिकेट में कैरम गेंद का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं, मुलरीधन ने कहा, ''आप सिर्फ कैरम गेंद नहीं फेंक सकते. आपको मिश्रण करना होगा. हमारे समय में भी हम पारंपरिक ऑफ स्पिन के साथ फ्लोटर गेंद का इस्तेमाल करते थे. आप लगातार एक ही तरह की गेंद नहीं फेंक सकते क्योंकि बल्लेबाजा आपको अच्छी तरह पढ़ लेंगे. शीर्ष पर बने रहने के लिए आपको अपनी गेंदबाजी में पर्याप्त विविधता लानी होगी.
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