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विज्ञान
क्या भविष्य में ज्यादा संख्या में दिखाई देंगे स्पेस स्टेशन? जानें
Gulabi Jagat
31 July 2022 3:28 PM GMT
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पिछले कुछ सालों में ऐसे संकेत मिल रहे थे कि अब दुनिया अंतरिक्ष में प्रतिस्पर्धा (Space Race) देखने वाली है. इस बहस को रूस यूक्रेन युद्ध के बाद हाल ही में रूस के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से हटने के ऐलान ने फिर से छेड़ दिया है. अब अंतरिक्ष क्षेत्र में बदलाव देखने की बातें होने लगी हैं. जिस तरह से पिछले एक दो दशकों में स्पेस स्टेशन की अहमियत बढ़ी है, लोगों को पहले से ही इस बात की चिंता सताने लगी थी कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) के बाद हालात कैसे होंगे. जो भी विशेषज्ञ यह जरूर मानने लगे हैं कि आने वाले समय में स्पेस स्टेशन की संख्याएं बढ़ने वाली हैं.
चीन का स्पेस स्टेशन
24 साल पहले जब अमेरिका और रूस ने अन्य देशों के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर काम करना शुरू किया था तब चीन उसमें शामिल नहीं थी. तभी से चीन खुद का अलग ही स्पेस स्टेशन बनाने में लगा हुआ था जो स्थापित हो चुका है और कुछ ही महीनों में काम भी करने लगेगा. यह स्टेशन नासा और अमेरिका के प्रभाव से पूरी तरह से मुक्त है.
रूस के हमले क बाद
इस साल फरवरी से ही जब से रूस यूक्रेन संघर्ष शुरू हुआ है, रूस की ओर से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई थी. रूस पर प्रतिबंध तो लगाए ही गए अमेरिका और यूरोप ने अंतरिक्ष सहयोग भी खत्म कर दिया. रूसी स्पेस एजेंसी रोसकॉसमोस प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने भी धमकी दी की उसके एक ही हमले से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यूरोप या एशिया में कहीं गिर सकता है.
रूस की धमकी
दिमित्री ने यह भी कहा यूरोप, एशिया और अमेरिका रूस सहयोग के बिना अंतरिक्ष में कुछ नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि रूस के सहयोग के बिना आईएसएस बच नहीं पाएगा और वह चीन या भारत पर भी गिर सकता है. ऐसे में क्या अमेरिका दोनों देशों को खतरे में डालने का जोखिम उठा सकता है.
और अब ऐलान के साथ तैयारी भी
दिमित्री को इसी महीने ही उनके पद से हटाया दिया गया था, लेकिन उनके बाद आए यूरी बोरिसोव ने ऐलान कर दिया है कि रूस 2024 के बाद से इंटनेशनल स्पेस स्टेशन का हिस्सा नहीं होगा. अब रूस खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की तैयारी में जुट गया है. बोरिसोव ने तो यहां तक कहा था कि जब रूस अलग होगा तब तक उसके अपने स्पेस स्टेशन को अंतरिक्ष में भेजने पर काम शुरु हो चुका होगा.
तैयारी जारी
रूसी वैज्ञानिक पहले ही आशंका जता चुके हैं कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन इतन असुरक्षित हो चुका है कि वह कभी भी काम करना बंद कर सकता है. नासा ने इसकी पुष्टि नहीं की और उम्मीद जताई है कि वह साल 2030 तक और चल सकता है. बोरिसोव ने पिछले साल ही बतौर रूसी उपप्रधानमंत्री आईएसएस के हालात पर आशंका जताई थी. इसके बाद इसी साल अप्रैल में ही रोगोजिन ने 2025 में रूस के अपने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के प्रक्षेपण की बात की थी.
अमेरिका और नासा
जब चीन ने अपने स्पेस स्टेशन का प्रक्षेपण किया था. तब तत्कालीन नासा प्रमुख जेम्स ब्रिडेनस्टाइन ने कहा था कि अमेरिका को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित अपना वर्चस्व यूं ही जाने नहीं देना चाहिए. उस समय भी आईएसएस की उम्र खासी चर्चा में थी. ऐसा लगता है कि अमेरिका भी अपना खुद का ही स्पेस स्टेशन बनाएगा.
लेकिन अभी के हालात यही बताते हैं कि नासा यह जिम्मेदारी निजी क्षेत्र को ही देगा. इस मामले में स्पेसएक्स, एक्जियोम, नॉर्थरोप ग्रूमैन आदि निजी कंपनियां नासा को स्पेस स्टेशन बनाकर दे सकती हैं. इतना ही नहीं जिस तरह के स्पेसएक्स कंपनी के अंतरिक्ष के महत्वाकांक्षी सपने हैं, वह दिन दूर नहीं जब अंतरिक्ष में व्यवसायिक स्पेस स्टेशन भी देखने को मिलने लगेंगे. वहीं भारत जैसे देशों को भी एक स्पेस स्टेशन की जरूरत पड़ सकती है.
Gulabi Jagat
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