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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पर्यावरण संरक्षण के लिए जीवाश्व ईंधन (Fossil Fuel) के विकल्पों पर बहुत काम हो रहा है. लेकिन वैज्ञानिक वैकल्पिक ऊर्जा से चलने वाले वाहनों को भी विकसित करने में जुटे हैं जिससे वर्तमान में वाहनों के छोड़ नए वाहन को अपनाने में ज्यादा परेशानी ना होगा. इसी प्रयास में दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Cars) पर भी काम हो रहा है. लेकिन एक डटच कंपनी लाइटईयर (Lightyear) ने ऐलान किया है कि वह ऐसे कार बनाने जा रही है जिसमें सौर ऊर्जा (Solar Energy) के लिए पैनल होंगे. इस तरह की पहली कार इसी साल नवंबर में यूरोप में दुनिया के सामने लाई जाएगी.
जीवाश्म से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर
दुनिया के करोड़ों की संख्या में वाहन अब भी जीवाश्म ईंधन से चलते हैं ऐसे में वैकल्पिक ईंधन से चलाने के लिए इन सभी वाहनों में नई तकनीक के अनुसार बदलाव करने होंगे. पुराने वाहनों को नए से बदलना बहुत लंबा और खर्चीला काम भी होगा. ऐसे में सौर ऊर्जा से कार को चलाने में उपयोग में लाना एक उत्साहजनक विचार है जो इलेक्ट्रिक कारों के कई समस्याओं से निजात दिला सकता है.
क्या फायदा होगा सौर ऊर्जा से
लाइटईयर 0 कार में वक्राकार सौर पैनल उसकी छत पर होंगे जो उस विद्युत बैटरी से जुड़े होंगे जिससे कार चलेगी. कंपनी का कहना है कि इस कार से बिना रुके या रीचार्ज किए 388 मील का सफर किया जा सकता है. जिसमें अतिरिक्त 44 मील प्रति दिन का सफर केवल सौर पैनल से मिलेगा. यह टेस्ला की मॉडल 3 वाली विद्युत कारों की (374 मील) तुलना में थोड़ा बेहतर है और किया नैरो लॉन्ग रेंज ( 285 मील) के मुकाबले बहुत बेहतर है.
चार्जिंग प्वाइंट के निर्भरता घटेगी
लाइटईयर के मुताबिक हर घंटे सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा से इस कार की बैटरी छह मील तक के लिए चार्ज हो जाएगी. यह लंबे समय की यात्राओ में बहुत ही उपोयगी साबित हो सकता है. उन्हें इसकी वजह से अब चार्जिंग प्वाइंट्स पर कम समय बिताना होगा या फिर शायद कई बार उनकी जरूरत ही नहीं पड़े.
Energy, Cars, Electric cars, Solar Energy, Lightyear, Lightyear 0, Solar panel. Charging points, इलेक्ट्रिक कारें (Electric cars) जीवाश्म ईंधन वाले वाहनों का विकल्प तो हैं, लेकिन उनके साथ कई चुनौतियां भी हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
चार्जिंग की जरूरत कम या खत्म
कंपनी का कहना है कि स्पेन या पुर्तगाल जैसे गर्म देश में यादि आप रोजाना 22 मील से कम चलते हैं तो कार को चार्जिंग पर लगाने की सात महीनों तक जरूरत ही नहीं पड़ेगी. वहीं नीदरलैंड जैसे बादलों वाली जलवायु वाले देशों में कार को दो महीने तक चार्जिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी. इलेक्ट्रिक कारों के शुरुआती दौर में जब चार्जिंग स्टेशन कम होंगे यह एक बढ़िया सुविधा साबित हो सकती है.
कार का वजन
लाइटईयर 0 कार और दो साल पहले पेश किए गए लाइटईयर वन के प्रोटोटाइप में काफी समानताएं हैं. लेकिन इसका बैटरी छोटी है. इस कार का वायुगतिकीय आकार और पहियों में लगी मोटर इसके बैटरी का छोटा करने में मददगार साबित होता है. इसका मतलब यही हुआ की पूरी कार हलकी हो सकी और जिससे इसका वजन 1575 किलोग्राम ही रहा. इस तरह की अन्य कारें 40 प्रतिशत भारी होती हैं.
Energy, Cars, Electric cars, Solar Energy, Lightyear, Lightyear 0, Solar panel. Charging points, इलेक्ट्रिक कारों (Electric cars) में चार्जिंग के स्टेशन हर जगह मिलना, चार्जिंग में बहुत लंबा समय लगाना एक बड़ी समस्या है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
और भी आने वाली हैं ऐसी कारें
ऐसा नहीं है कि दूसरी कारें भी सौर पैनल वाली कार विकसित नहीं कर रही है, लेकिन उनमें से कोई भी बाजार के लिए तैयार नहीं है. सोनो सिओन का लक्ष्य 2023 तक बाजार में आने का है जो सौर ऊर्जा से 10 मील प्रति दिन का औसत देने का दावा कर रही है. अपटेरा नेवर चार्ज भी तीन पहियों वाली भविष्य की कार है जिसके बारे में कंपनी का दावा है कि वह 40 मील प्रति दिन की सौर ऊर्जा हासिल कर सकेगी. इस कार के तो 24 हजार रजिस्ट्रेशन भी हो चुके हैं.
जहां लाइटईटर 0 कार की मूल अवधारणा में इलेक्ट्रिक कारों की कारगरता को बेहतर करना और उनका चार्जिंग समय को कम करना हो सकता है. इसकी अधिकतम गति केवल 100 मील प्रतिघंटा है. इसे 0 से100 की गति पर आने में 10 सेकेंड लगते हैं. इसके अलावा यह अभी बहुंत महंगी गाड़ी है इसकी कीमत 2 लाख 62 हजार डॉलर जो फरारी रोमा से भी ज्यादा कीमत है. वहीं निसान लीफ (27 हजार डॉलर) और टेस्ला मॉडल 3 50 हजार डॉलर की कीमत में ही उपलब्ध हैं. लेकिन लाइटईयर अपना लाइटईयर 2 मॉडल 2025 में उतारने की तैयारी कर रही है जिसकी कीमत 32125 डॉलर ही होगी.
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