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वैज्ञानिकों मिला 70 साल से खोया हुआ खजाना
ब्राजील (Brazil) में, वैज्ञानिकों ने आखिरकार खोई हुई एक जीवाश्म साइट (Fossil site) को फिर से खोज निकाला है. जिन शोधकर्ताओं ने मूल रूप से इसे 70 साल पहले खोजा था, वे इस सुदूर जगह को फिर से ट्रेस नहीं कर पा रहे थे.
लंबे समय से खोई हुई इस साइट की जीओलॉजिकल स्थितियों की वजह से, यहां जीवाश्मों का खजाना संरक्षित है. ये जीवाश्म पृथ्वी के इतिहास की सबसे बड़ी विलुप्त होने की घटनाओं में से एक पर कुछ रोशनी डाल सकते हैं.
जीवाश्मों से भरी है यह जगह
फिर से खोजी गई इस साइट का नाम है सेरो चैटो (Cerro Chato). यह ब्राजील के दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल (Rio Grande do Sul) में स्थित है. करीब 26 करोड़ साल पहले, पर्मियन काल (29.9 करोड़ से 25.1 करोड़ साल) के अंत में, इस साइट की स्थिति मृत जीवों को ट्रैप करने और संरक्षित करने के लिए काफी अच्छी थी. अब सेरो चैटो की कई चट्टानी परतें नाजुक जीवाश्मों से भरी हुई हैं. आश्चर्य इस बात का भी है कि इन जीवाश्मों में पौधे भी हैं, जो आमतौर पर जानवरों की तरह जीवाश्म नहीं बनते, क्योंकि उनमें कोई कठोर भाग नहीं होता.
2019 में फिर से खोजी गई साइट
1951 में पहली बार सेरो चैटो की खोज करने वाले जीवाश्म विज्ञानी यहां संरक्षित जीवाश्मों को देखकर बहुत उत्साहित थे. लेकिन लैंडमार्क या जीपीएस जैसी आधुनिक तकनीक के बिना, शोधकर्ता इस साइट की सटीक भौगोलिक स्थिति को रिकॉर्ड करने में असमर्थ थे. जब उन्होंने पर्मियन काल के इस खजाने पर लौटने की कोशिश की, तो वे इसे ढूंढ ही नहीं पाए. इस साइट को खोजने के कई प्रयासों के बाद, टीम ने इसे खोजना बंद कर दिया और साइट के खो जाने की घोषणा कर दी. हालांकि, शोधकर्ताओं के एक नए समूह ने 2019 में इस खोई हुई जगह को फिर से ढूंढ लिया.
अभी तक 100 से ज्यादा जीवाश्म पाए गए
एक नए शोध में सेरो चैटो के बारे में बताया गया है. टीम ने हाल ही में ब्राजीलियन सोसाइटी ऑफ पेलियोन्टोलॉजी के जर्नल पेलियोडेस्ट (Paleodest) में शोध के नतीजे प्रकाशित किए हैं. शोध की लेखक और रियो ग्रांडे डो सुल की वेले डो ताकारी यूनिवर्सिटी में, पैलियोबोटानिस्ट जोसलीन मैनफ्रोई (Joseline Manfroi) का कहना है कि अभी तक इस साइट से 100 से ज्यादा जीवाश्म मिल चुके हैं. इनमें ज्यादातर पौधे, कुछ मछलियां और मोलस्क शामिल हैं. इन्हें पिछली टीम खोज नहीं पाई थी.
अभी तक 30% से भी कम हिस्सा खोजा गया
नई टीम का मानना है कि यहां से मिले जीवाश्म सिर्फ झलक भर है. जब मूल शोधकर्ताओं ने साइट की खोज की, तो वे इस जगह को खोने से पहले, सिर्फ इसकी सतह पर मौजूद जीवाश्मों को ही खोज पाए थे. तीन साल पहले इसे फिर से खोजा गया था, फिर भी इसमें खोजने लायक बहुत कुछ है. अनुमान है कि अभी तक इस जगह का 30% हिस्सा भी नहीं खोजा गया है.
Rani Sahu
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