विज्ञान

वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया डिवाइस, पक्षियों को विमान में टकराने से रोकेगा एआई आधरित लेजर सिस्टम

Gulabi Jagat
12 Aug 2022 4:49 AM GMT
वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया डिवाइस, पक्षियों को विमान में टकराने से रोकेगा एआई आधरित लेजर सिस्टम
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भारतीय एयरलाइंस को हाल ही में पक्षियों के हमले की कई घटनाओं का सामना करना पड़ रहा
भारतीय एयरलाइंस को हाल ही में पक्षियों के हमले की कई घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ये घटनाएं पूरे विमानन उद्योग में आम हैं। आमतौर पर पक्षियों के विमान से टकराने पर को बड़ी समस्या नहीं होती है लेकिन फिर भी इससे विमान को नुकसान होने का खतरा रहता है। अगर पक्षी विमान के किसी महत्वपूर्ण हिस्से से टकराते हैं, तो यह गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकता है।
पक्षियों के विमान से टकराने के कारण हाल ही के दिनों में कई फ्लाइट रद्द कर दिए गए तो कइयों ने देरी से उड़ान भरी। फ्लाइट कैंसिल होने से एक तरफ जहां एयरलाइंस कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ता है वहीं यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस समस्या से निपटने के लिए, चीन में वैज्ञानिकों ने लेजर आधारित एआई-संचालित बर्ड रेपलिंग सिस्टम का उपयोग करके एक प्रभावी समाधान खोज निकाला है। सिंपल फ्लाइंग की रिपोर्ट के आधार पर, शीआन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर झाओ फैन और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए एक अध्ययन को अप्रैल में पीयर-रिव्यू जर्नल लेजर एंड ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स प्रोग्रेस में प्रकाशित किया गया था।
इस टीम ने एक रोबोटिक सिस्टम तैयार किया है जो चार मुख्य उपकरणों का उपयोग करता है। विमान में लगने वाला यह रोबोटिक सिस्टम पूरी तरह स्वचालित है और इसमें पक्षियों का पता लगाने के लिए एक कैमरा, एक ट्रैकिंग वीडियो प्रोसेसिंग मॉड्यूल, एक लेजर एमिटर और एक बीम माॅड्यूल शामिल है।
लेजर से दूर भागेंगे पक्षी
सामान्य तरीके से समझें तो, यह एक तकनीक पक्षियों को दूर भागने के लिए लेजर का इस्तेमाल करती है। यह एक तरह का हीटेड लेजर तकनीक है जो पक्षियों को बिना नुकसान पहुँचाए उन्हें हवाई जगह से दूर रखती है। विमान में लगा एआई-गाइडेड कैमरा हवा में उड़ते हुए पक्षियों का सटीक तरीके से पता लगाने में सक्षम है। विमान के सामने पक्षियों के आते ही इसका लेजर सक्रिय हो जाता है और एक गर्म बीम छोड़ता है जिससे डरकर पक्षी दूर भाग जाते हैं।
ऑन-साइट परीक्षणों के अनुसार, कम से कम 1,000 मीटर की दूरी पर उड़ने वाले पक्षियों पर बर्ड-रिपेलिंग सिस्टम को प्रभावी ढंग से नियोजित किया जा सकता है। हालांकि, इस तकनीक के कुछ फायदे हैं तो नुकसान भी हैं।
लेजर से पायलट को खतरा
पक्षियों को हवाई क्षेत्र से दूर रखने में एआई-संचालित लेजर सिस्टम के उत्साहजनक परिणामों के बावजूद, कुछ नागरिक उड्डयन विशेषज्ञों ने डिवाइस के बारे में सुरक्षा चिंताओं पर प्रकाश डाला है। उनका मानना है कि पक्षियों के लिए लेजर बीम घातक नहीं हैं, लेकिन वे अभी भी पायलटों की दृष्टि को खतरे में डाल सकते हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि लेजर बीम के इस्तेमाल से पायलटों को क्षणिक अंधापन, भटकाव और यहां तक ​​कि उनकी आंखों को स्थाई नुकसान होने की संभावना है। यदि यह लेजर सिस्टम सटीकता से काम नहीं करता है तो इससे अन्य हवाई जहाजों को नुकसान पहुंच सकता है।
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