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ISS छोड़ने का ऐलान
आखिरकार रूस (Russia) ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) से साल 2024 के बाद हटने का फैसला ले ही लिया. रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस और अमेरिका के बीच गहन तनाव की स्थिति बन गई थी और इसको लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का जिक्र भी कई बार दोनों देशों की बीच तल्ख बयानबाजियों में देखने को मिल रहा था. रूसी स्पेस एजेंसी रोसकोसमोस (Roscosmos) के नए प्रमुख यूरो बोरिसोव ने इस फैसले से अवगत कराते हुए कहा कि अब रूस खुद का ही स्पेस स्टेशन पर ध्यान लगाएगा, लेकिन रूस साल 2024 तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को लेकर अपनी सारी प्रतिबद्धताएं पूरी कर लेगा.
पहले से ही थी आशंका
बहुत से लोगों का यही अनुमान था कि रूस देर सबसे आईएसएस से हटने का ऐलान कर ही देगा. रूस इससे पहले ही इस तरह का बात बिना समय सीमा दिए कह चुका है, लेकिन इस बार वह ज्यादा औपचारिक और दृढ़ दिखाई दे रहा है. बोरिसोव ने अपने बयान में साफ तौर पर बताया कि साल 2024 के बाद स्टेशन छोड़ने का फैसला हो चुका है.
ताजा विवाद क्या था?
हाल ही में रूसी अंतरिक्ष यात्रियों की इस बात के लिए आलोचनाकी गई थी कि उन्होंने स्पेस स्टेशन का उपयोग यूक्रेन के इलाकों में रूसी कब्जे को झंडों के जरिए प्रदर्शित करने के लिए किया था. नासा ने कहा था कि वह रूस के द्वारा आईएसएस का राजनैतिक उपयोग करने की कड़ी निंदा करता है. अमेरिका का आरोप है कि रूस ने यूक्रेन युद्ध में समर्थन के लिए स्टेशन का उपयोग किया है जबकि स्टेशन के मूल उद्देश्य, यानि शांतिपूर्वक वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के लिए उपयोग है.
रूस का बयान
बोरिसोव का कहना है, "मुझे लगता है कि उस समय क हम रूसी कक्षीय स्टेशन बनाना शुरू कर चुके होंगे. रूस इससे पहले भी अपना खुद का नया स्पेस स्टेशन बनाने का इरादा जाहिर कर चुका है. वहीं रूस यूक्रेन युद्ध से पहले ही रूस और अमेरिका के बीच के अंतरिक्ष संबंध खराब होने शुरू हो गए थे. जब नासा ने अपने आर्टिमिस समझौते का ऐलान किया था तभी रूस ने इससे असहमति जता दी थी और साफ हो गया था कि रूस और अमेरिका ज्यादा दिन अंतरिक्ष मामलों में सहयोग नहीं दे सकेंगे.
कब तक काम करेगा स्टेशन
इसके अलावा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भी अपनी अनुमानित उम्र से काफी साल ज्यादा काम कर चुका है और अभी वैज्ञानिकों का कहना है कि यह 2030 तक काम कर सकेगा. वहीं रूसी अंतरिक्ष यात्रियों का अनुमान है कि यह जल्दी ही बेकार हो जाएगा. इन बातों को देखते हुए हैरानी की बात नहीं है कि रूस खुद का ही स्पेस स्टेशन बनाने की सोच रहा है.
क्या होगा रूस के हिस्से का
एक फुटबाल के मैदान जितने बड़े इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के दो प्रमुख हिस्सों में से एक रूस चलाता है और दूसरा अमेरिका चलाता है. रूस के हटने केबाद उसके हिस्सा का क्या होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है. क्या यह पहले की तरह चलता रहेगा या फिर इसे बंद कर दिया जाएगा यह तय होना बाकी है. जहां रूस ने केवल 2024 तक ही अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात की है , इस बयान पर नासा की प्रतिक्रिया नहीं आई है.
कई देशों का सहयोग
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन 1998 से काम कर रहा है जिसें अमेरिका, रूस , यूरोप, जापान और कनाडा की स्पेस एंजेसी सहयोगी हैं. इसमें रूस और अमेरिका की स्पेस एजेंसी की कई अलग अलग जिम्मेदारी जिससे यह सुचारू रूप से चल पाता है. इसमें शून्य गुरुत्व से संबंधित अनेक प्रयोग होते रहे हैं जो भविष्य के लंबे अंतरिक्ष अभियानों के काम आएंगे.
रूस का यह ऐलान ऐसा मौके पर हुआ है जब कई घटनाएं हो चुकी हैं. जैसे हाल ही में रूस और अमेरिका ने समझौता किया हैकि दोनों देशों स्पेस स्टेशन तक की अपनी यात्रा में में एक यात्री की अदला बदली करेंगे. रूस ने हाल ही में अपनी स्पेस एजेंसी प्रमुख को बदला है. उसने दिमित्री रोगिजिन की जगह यूरो बोरिसोव को नियुक्त किया है. रूस युक्रेन युद्ध की वजह से पहले ही रूस आईएससएस को लेकर कई तरह के बयान दे चुका है. लेकिन माना जा रहा है कि इन सब का इससे कोई खास लेना देना नहीं है. अब रूस ने अपने रास्ते पर जाने का फैसला कर लिया है. आने वाले सालों में हमें अंतिरक्ष स्पर्धा का अलग ही रूप देखने को मिलने वाला है.
Gulabi Jagat
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