विज्ञान

रिसर्चर्स ने की एंटीवायरल मोलेक्यूल की खोज, कोरोना के इलाज में होगा इस्तेमाल

Subhi
4 Nov 2022 5:12 AM GMT
रिसर्चर्स ने की एंटीवायरल मोलेक्यूल की खोज, कोरोना के इलाज में होगा इस्तेमाल
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के रिसर्चर्स ने तीन एंटी-वायरल मोलेक्यूल खोजे हैं जिनका इस्तेमाल कोविड-19 का प्रभावी तरीके से उपचार में किया जा सकता है. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के रिसर्चर्स ने तीन एंटी-वायरल मोलेक्यूल खोजे हैं जिनका इस्तेमाल कोविड-19 का प्रभावी तरीके से उपचार में किया जा सकता है. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. अधिकारियों के अनुसार यह अध्ययन कोविड के नए स्वरूपों और भविष्य में आने वाली महामारियों की तैयारी के लिहाज से महत्वपूर्ण है. अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 महामारी ने सार्स-सीओवी-2 वायरल प्रोटीन की संरचना और प्रकृति समझने तथा इसके इलाज के लिए टीकों के विकास के लिहाज से दुनियाभर में कंप्यूटेशनल और प्रायोगिक अध्ययनों को बढ़ावा दिया है.

इन अध्ययनों के परिणामस्वरूप एक 'प्रोटीन डाटा बैंक' बना है जो प्रोटीन और वायरस की संरचनाओं का संग्रह है. दुनियाभर में अनुसंधानकर्ता दवाओं की खोज के लिए इस डाटा बैंक का उपयोग करते हैं.

आईआईटी रुड़की के रिसर्च में दावा

आईआईटी रुड़की के निदेशक केके पंत ने कहा, 'सार्स-सीओवी-2 वायरस के मामले में यह अनुसंधान न केवल कोविड-19 महामारी से निपटने में बल्कि किसी नए स्वरूप और भावी महामारियों के संदर्भ में तैयारी के लिए भी महत्वपूर्ण है. यह अनुसंधान वैज्ञानिक समुदाय को इस तरह के वायरस और टीकों के विकास को समझने में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है.'

उन्होंने कहा कि अनुसंधान दल ने न्यूक्लियोटाइड बाइंडिंग पॉकेट (एनबीपी) नामक वायरल प्रोटीन के एक विशेष भाग पर सक्रिय रहने वाले अणुओं की खोज पर ध्यान केंद्रित किया. अनुसंधान का प्रकाशन वायरोलॉजी पत्रिका में किया गया है.


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