- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- विज्ञान
- /
- नासा इस खास तकनीक का...
क्या होता है 3डी प्रिंटिंग
3डी प्रिंटिंगकंस्ट्रक्शन को समझने से पहले हम देखते हैं कि 3डी प्रिंटिंग क्या है. 3डी प्रिंटिंग जिसे कई बार एडेटिव मैन्यूफैक्चरिंग भी कहा जाता है एक कम्प्यूटर नियंत्रित सामग्रियों को परत में ढालने की तकनीक है जिससे त्रिआयामीय (Three dimensional) आकार की वस्तुएं बनती हैं.
कितनी अहम तकनीक है ये
यह तकनीक आमतौर पर प्रोटोटाइप और ज्यामितीय रूप से जटिल वस्तुओं के निर्माण में उपयोगी मानी जाती है. यह तकनीक तो 1980 के दशक में ही आ गई थी, लेकिन इसके खर्चीले होने के कारण इसके उपयोग कम थे. इस सदी के शुरू में इसके वहन करने योग्य हो जाने से इसकी उपयोगिता में खासा इजाफा होने लगा जिसमें उत्पाद डिजाइन, उपकरण निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, धातुकार्य, यहां तक कि चिकित्सीय क्षेत्र भी शामिल हैं.
तो फिर निर्माण के क्षेत्र में
निर्माण के क्षेत्र में भी 3 डी प्रिंटिंग को लेकर काफी संभावनाएं बन रही है. इस क्षेत्र के लिए कंस्ट्रक्शन 3 डी प्रिंटर विकसित हो रहे हैं. फिलहाल इसमें ऐसे हिस्सों के निर्माण पर काम हो रहा है जिन्हें साइट पर ले जाकर केवल जोड़ा जाता है और आवश्यकता अनुसार संरचना तैयार की जा सकती है. इसमें 3 डी डिजिटल मॉडल तैयार किया जाता है जिसके बाद प्रिंटर डिजाइन के मुतबिक वस्तु तैयार करता है.
3 D Printing, Construction, Application, 3 डी प्रिंटिंग ((3 D Printing) की वैसे तो बहुत व्यापक उपयोगिता है, लेकिन निर्माण (Construction) क्षेत्र में इसका दखल हाल ही में हुआ है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
तो नासा की क्या है योजना
नासा टेक्सास की एक निर्माण तकनीक कंपनी ICON के साथ काम कर रही है जो एक ऐसा 3 डी कंस्ट्रक्शन सिस्टम बना रही है जो भविष्य में चंद्रमा और मंगल अभियानों में काम आ सकेगा. यह सिस्टम पूरी तरह से अंतरिक्ष की स्थितियों के लिए होगा. नासा इसके लिए कंपनी को अनुदान दे रहा है.
पूरी तरह से अंतरिक्ष के लिए होगा काम
ICON अलग से कंपनी का एक पूरा विभाग ही बना रही है जिसका काम अंतरिक्ष संबंधी कार्यों पर ध्यान देना होगा. कंपनी के सीईओ जेसन बालार्ड का कहना है कि दूसरे संसारों में इंसान का पहला घर बनाना मानव इतिहास का सबसे महत्वाकांक्षी निर्माण कार्यक्रम होगा जो विज्ञान प्रोद्योगिकी और वास्तुकला को वास्तव में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. नासा का इस तरह से सहयोगात्मक निविश न केवल अंतरिक्ष में इंसान की तरक्की सुनिश्चित करेगा बल्कि यह पृथ्वी की कई समस्याएं सुलझाने में भी मददगार साबित होगा.
कितना अहम है ये नासा के लिए
यह खबर नासा के उस महत्वकांक्षी योजना के लिहाज से बहुत ही अहम है जिसमें नासा चंद्रमा पर एक बेस कैंप बनाने की योजना बना रहा है. नासा का अगले दशक में मंगल पर इंसान भेजने का इरादा है और इसके लिए उसने तेजी से काम भी शुरू कर दिया है. नासा की योजना है कि मंगल पर जाने के बाद वहां गए यात्री लौटते समय चंद्रमा के बेस कैम्प पर रुकेंगे.
फिलहाल नासा साल 2024 में चंद्रमा पर अगले पुरूष और पहली महिला को भेजने की तैयारी में लगा है, लेकिन ये दोनों यात्री वहां लंबे समय तक रुकेंगे. इसके लिए नासा का आर्टेमिस कार्यक्रम पूरी तरह से तैयार हो चुका है.