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Kamikaze Drone: कीव पर रूस ने दागे घातक ड्रोन, पलभर में तबाह कर देते हैं शहर, इतनी है ताकत

Admin4
17 Oct 2022 7:02 PM GMT
Kamikaze Drone: कीव पर रूस ने दागे घातक ड्रोन, पलभर में तबाह कर देते हैं शहर, इतनी है ताकत
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नई दिल्ली। रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) की राजधानी कीव (Kyiv) में ताबड़तोड़ ड्रोन हमले किए। ये कामीकेज ड्रोन्स (Kamikaze Drones) हैं। यानी ऐसे ड्रोन्स जो आत्मघाती होते हैं। मतलब खुद तो मरेंगे ही, दुश्मनों को मारेंगे भी। दुश्मन के इलाके, टारगेट, दुश्मन सैनिक, टैंक आदि किसी पर भी गिरते ही विस्फोट कर देते हैं। इन ड्रोन्स को नेविगेट करना आसान होता है। एक बार लोकेशन और टारगेट फीड कर दीजिए। फिर ये उसकी मौत की खबर भेज देते हैं।

आप इन तस्वीरों में जिस तिकोन ड्रोन को देख रहे हैं, उसे रूस में दो कंपनियां बनाती हैं। पहली जाला केवाईबी-यूएवी (Zala KYB-UAV) और दूसरी रोजटेक कलाशनिकोव (Rostec Kalashnikov)। दोनों कंपनियों के ये तिकोन ड्रोन बेहद खतरनाक माने जाते हैं। पिछले साल तक इनका ट्रायल चल रहा था। लेकिन इस साल जबसे रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ी। इनका इस्तेमाल बढ़ा दिया गया।

इस तिकोन ड्रोन में गाइडेड हथियार लगाए जाते हैं। यानी ड्रोन और हथियार को टारगेट की लोकेशन पता होती है। एक बार ड्रोन के जीपीएस सिस्टम पर जब टारगेट की लोकेशन लॉक हो जाती है, तब ये ड्रोन टेकऑफ के बाद सीधे टारगेट तक पहुंचकर खुद को ध्वस्त कर लेता है। इन ड्रोन्स को स्ट्राइक ड्रोन्स (Strike Drones) भी कहा जाता है। इसके ऊपर तीन किलोग्राम वजनी विस्फोटक लोड किया जा सकता है।

ये ड्रोन्स लगातार 30 मिनट तक उड़ान भरने में सक्षम होते हैं। उड़ते समय इनकी गति 80 से 130 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। यानी अगर कोई अच्छा बंदूकबाज है तो वो आसानी से इनपर निशाना लगा सकता है। इस ड्रोन को सबसे पहले 2019 के इंटरनेशनल डिफेंस एग्जीबिशन (IDEX) में दिखाया गया था। इसकी लंबाई 0.95 मीटर है और विंगस्पैन 1.21 मीटर है। 0.165 मीटर ऊंचे इस ड्रोन से जासूसी, सर्विलांस, रीकॉन्सेंस और हमला चारों काम किया जा सकता है।

इस ड्रोन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विजुअल आइडेंटिफिकेशन (AIVI) टेक्नोलॉजी लगी है ताकि टारगेट की रीयल टाइम पहचान हो सके। साथ ही टारगेट को अलग-अलग कैटेगरी में बांटकर उसके हिसाब से हथियार लगाया जा सके। यानी उड़ान के दौरान ही टारगेट की पहचान कर उसपर घातक हमला किया जा सके। इसे लॉन्च करने के लिए कैटापॉल्ट यानी गुलेल जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी रेंज 40 किलोमीटर तक है।

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