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- धरती पर फिर कभी नहीं...
अब वे दिन दूर नहीं जब विशालकाय अंतरिक्ष चट्टानों को पृथ्वी के लिए खतरा बनने से रोका जा सकेगा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का डबल ऐस्टरॉइड रिडायरेक्शन टेस्ट यानी डार्ट (DART) मिशन अपने अंतिम दिनों की तरफ बढ़ रहा है। इस मिशन को एक ऐस्टरॉइड से टकराकर नासा एक प्रमुख टेक्नोलॉजी का परीक्षण करना चाहती है जिसमें पृथ्वी की तरफ बढ़ने वाली चट्टानों की दिशा को बदला जा सकेगा। लॉन्च के करीब 10 महीने बाद एक लंबी दूरी तय करके यह मिशन 26 सितंबर को अपने अंजाम तक पहुंचने जा रहा है। स्पेसक्राफ्ट 26 सितंबर को डिडिमोस बाइनरी एस्टेरॉयड सिस्टम से टकराएगा।
स्पेसक्राफ्ट की टक्कर के दौरान इसकी गति 24,000 किमी प्रति घंटा होगी जो ऐस्टरॉइड की दिशा को बदलने का प्रयास करेगी। अंतरिक्ष में सुदूर स्थित सितारों और ग्रहों की तस्वीरें खींचने के लिए इसने अपने DRACO कैमरे का इस्तेमाल किया है ताकि अंतरिक्षयान अपने मार्ग का नक्शा तैयार कर सके। कुछ दिनों पहले नासा ने बृहस्पति और उसके चारों चंद्रमाओं की तस्वीर शेयर की थी जिसे डार्ट मिशन ने खींचा था।
26 सितंबर को बदल सकता है भविष्य
नासा ने कहा था कि DRACO सिस्टम एक हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा है जो नासा के न्यू होराइजन्स स्पेसक्राफ्ट पर लगे इमेजर से प्रेरित है, जिसने प्लूटो सिस्टम की पहली क्लोज-अप तस्वीरें धरती पर भेजी थीं। डार्ट मिशन की टक्कर 26 सितंबर को होगी। वैज्ञानिकों को उम्मीदें हैं कि यह टक्कर डिडिमोस बाइनरी सिस्टम में ऐस्टरॉइड की कक्षा को बदल देगी। अगर यह मिशन सफल होता है तो भविष्य में प्रलयकारी ऐस्टरॉइड टक्करों से पृथ्वी को बचाया जा सकता है।
नियर अर्थ ऑब्जेक्ट पर नासा की नजर
डार्ट मिशन की टक्कर पर लाइट इटैलियन क्यूबसैट फॉर इमेजिंग एस्टेरॉयड नजर रखेगा और इसकी करीब से तस्वीरें लेगा। लंबे समय से नासा नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स की निगरानी कर रही है। ये ऐसे ऑब्जेक्ट होते हैं जो पृथ्वी से 4.8 करोड़ किमी की दूरी पर मौजूद होते हैं। नासा का टारगेट पृथ्वी के करीब स्थित ऐसे ऐस्टरॉइड को चिन्हित करना है जो पृथ्वी के लिए खतरा बन सकते हैं। अब तक करीब 8000 से अधिक नियर अर्थ ऑब्जेक्ट की खोज की जा चुकी है।