धर्म-अध्यात्म

Kaliyug के सच्चे देवता क्यों माने जाते हैं हनुमान जी? जाने रहस्य

Tara Tandi
10 Jun 2025 11:33 AM GMT
Kaliyug के सच्चे देवता क्यों माने जाते हैं हनुमान जी? जाने रहस्य
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Hanuman ji ज्योतिष न्यूज़: हनुमानजी कलियुग के देवता क्यों हैं? दरअसल, इसके पीछे की मान्यताओं और कहानियों के अनुसार, त्रेता युग के अंत के बाद श्री राम समेत सभी देवता मानव शरीर त्यागकर वैकुंठ वापस चले गए थे। स्वर्ग जाने से पहले भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री राम ने हनुमानजी को कलियुग में धर्म की रक्षा का दायित्व सौंपा था, इसलिए हनुमानजी अमरता का वरदान लेकर धरती पर ही रहे। इसी वजह से हनुमानजी को कलियुग का देवता यानी कलियुग का जागृत देवता भी माना जाता है। हनुमानजी को अमर होने का वरदान प्राप्त है, जिससे वे युगों-युगों तक इस धरती की रक्षा कर सकते हैं। विष्णु पुराण, रामायण समेत कई पौराणिक कथाओं में हनुमानजी के कलियुग में होने के रहस्यों के बारे में बताया गया है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं। आइए जानते हैं कलियुग से जुड़े हनुमानजी के रहस्य और क्यों हनुमानजी कलियुग के देवता हैं।
कलियुग में धर्म की रक्षा के लिए हनुमानजी भौतिक रूप में धरती पर निवास करते हैं
हनुमानजी को अमर होने का वरदान प्राप्त है। हनुमान जी कलियुग के अंत तक भौतिक रूप में इस धरती पर रहेंगे। हनुमान पर धर्म की रक्षा का दायित्व है, इसलिए हनुमान जी वेश बदलकर पूरी धरती पर विचरण करते हैं। पौराणिक मान्यता है कि जिस स्थान पर भगवान श्री राम का नाम लिया जाता है या रामायण का पाठ किया जाता है, वहां हनुमान जी अवश्य निवास करते हैं।
कलियुग में गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं हनुमान जी
श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार कलियुग में हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं। इस पर्वत पर पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं है। दृढ़ इच्छाशक्ति वाला भक्त ही हनुमान जी के दर्शन कर सकता है। पौराणिक कथाओं में गंधमादन पर्वत कैलाश पर्वत के उत्तर में है। यह पर्वत सुगंधित वनों के लिए जाना जाता था। वर्तमान यानी कलियुग में यह क्षेत्र आज तिब्बत में स्थित है।
कलियुग में कल्कि अवतार में हनुमान जी करेंगे सहायता
विष्णु पुराण, भविष्य पुराण, कल्कि पुराण समेत कई पुराणों में उल्लेख है कि जब भगवान विष्णु कलियुग का अंत करने के लिए कल्कि अवतार लेंगे, तो उनकी सहायता करने की जिम्मेदारी 7 अमर दैत्यों को दी गई है, जो पाप का नाश करने और धर्म की स्थापना करने में भगवान कल्कि की सहायता करेंगे। इन 7 अमर दैत्यों में हनुमान जी का नाम भी शामिल है।
कलियुग में धर्म की स्थापना के समय वीर हनुमान अपने अच्छे लोगों की सहायता करेंगे
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब कलियुग का अंत करके धर्म की स्थापना का चरण चल रहा होगा, तब पूरी धरती पर अराजकता का माहौल होगा। पापियों के नरसंहार के बीच हनुमान जी अपने भक्तों की पुकार सुनेंगे और उनकी सहायता करेंगे। इसके अलावा हनुमान जी धर्म के मार्ग पर चलने वाले लोगों को संकट से निकालकर उनकी रक्षा भी करेंगे।
कलियुग में भगवान कल्कि के जन्म के समय वीर हनुमान उनकी रक्षा करेंगे
पौराणिक कथाओं में उल्लेख है कि जब भी संसार में कोई पुण्यात्मा जन्म लेता है तो नकारात्मक शक्तियां भयभीत हो जाती हैं। इसी भय के कारण बुरी शक्तियां पुण्यात्मा को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए जब भगवान विष्णु कल्कि के रूप में जन्म लेंगे तो हनुमान जी उनके चारों ओर सुरक्षा कवच बना देंगे।
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