धर्म-अध्यात्म

क्यों पीतल के बर्तनों को पूजा पाठ में माना जाता है उत्तम?

Ritisha Jaiswal
12 July 2022 12:19 PM GMT
क्यों पीतल के बर्तनों को पूजा पाठ में माना जाता है उत्तम?
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सभी धातुओं में पीतल को सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है. अगर बात करें पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठानों की तो इस दौरान किसी अन्य धातु के बर्तनों की बजाय पीतल के बर्तनों का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है

सभी धातुओं में पीतल को सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है. अगर बात करें पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठानों की तो इस दौरान किसी अन्य धातु के बर्तनों की बजाय पीतल के बर्तनों का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है. धार्मिक शास्त्र और ज्योतिष में भी पीतल के बर्तनों को पूजा के लिए सबसे उत्तम बताया गया है. पीतल के बर्तन में पूजा करने से न सिर्फ देवी-देवता प्रसन्न होते हैं, बल्कि इससे ग्रह शांति भी होती है. दिल्ली के ज्योतिषाचार्य इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि आखिर पूजा के लिए पीतल के बर्तनों को ही क्यों उपयोगी व उत्तम माना गया है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीतल या ब्रास के बर्तन का रंग पीला होता है और धार्मिक या मांगलिक किसी भी अनुष्ठानों में पीला रंग को बेहद शुभ माना गया है. चूंकि, पीला रंग भगवान विष्णु को संबोधित करता है. पीतल के बर्तन का उपयोग पूजा में करने से बृहस्पति ग्रह का सुखद प्रभाव जीवन पर पड़ता है. इसके अलावा भगलाव गणेश को भी पीला रंग अत्यंत प्रिय होता है.
पूजा में भगवान को अर्पित किए जाने वाले भोग भी पीतल के बर्तन में पकाने चाहिए और पीतल के पात्र में ही भोग लगाना चाहिए. शिवजी को भी पीतल के कलश से ही अभिषेक करने का विधान है. इसके अलावा घर के पूजा मंदिर में भी जल से भरा पीतल का कलश अवश्य रखना चाहिए.
पूजा-पाठ ही नहीं, जन्म से लेकर मृत्यु तक होता है पीतल के बर्तनों का उपयोग
पीतल के बर्तनों का उपयोग केवल पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठानों में ही नहीं, बल्कि हिंदू धर्म में पीतल के बर्तन का उपयोग जन्म से लेकर मृत्यु तक होता है. नवजात शिशु के छठी से लेकर नाल छेदन जैसी कई रीति-रिवाज के दौरान पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है.
पूजा-पाठ में वर्जित माने जाते हैं ऐसे बर्तन
पूजा-पाठ में आप पीतल के साथ ही तांबा और कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन भूलकर भी लोहे, एल्युमिनियम या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल पूजा में नहीं करना चाहिए. इन धातु से बनी केवल बर्तन ही नहीं, बल्कि मूर्तियां भी शुभ नहीं मानी जाती हैं. पीतल के साथ ही शास्त्रों में सोना, चांदी और तांबा बर्तनों को उत्तम माना गया है..


Ritisha Jaiswal

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