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मलमास या फिर अधिक मास (Adhik Maas 2023) का सनातन धर्म में विशेष महत्व माना गया है, जिसे पुरुषोत्तम मास के रूप में भी जाना जाता है. आपको बता दें कि मलमास या फिर अधिक मास में किसी भी तरह के शुभ कार्य करने की मनाही होती है. इस बार मलमास (Adhik Maas 2023) का प्रारंभ 18 जुलाई से हो रहा है, जो कि 16 अगस्त तक चलने वाला है. मान्यता है कि मलमास (malmaas 2023) में पालनकर्ता भगवान विष्णु की पूजा का महत्व विशेष महत्व है. इस मास में अगर कोई व्यक्ति पूरी तन्मयता और विधि विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करता है, तो भगवान विष्णु के आशीर्वाद से उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे पुण्यफल की प्राप्ति होती है. इसके साथ साथ साधक की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
मलमास में क्या क्या करना चाहिए ?
1- मलमास (Adhik Maas 2023) के महीने में विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए.
2- इस मास में श्रीमद्भागवत गीता में पुरुषोत्तम मास (Purshottam maas 2023) का महामात्य, श्रीराम कथा वाचन, विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र पाठ का वाचन और गीता के पुरुषोत्तम नाम के 14वें अध्याय का नित्य अर्थ सहित पाठ करना चाहिए.
3- इस माह में जप और तप के अलावा व्रत का भी विशेष महत्व है, पूरे मास एक समय ही भोजन करना चाहिए जो कि आध्यात्मिक और सेहत की दृष्टि से काफी उत्तम माना गया है.
4- इस मास में भगवान के दीपदान और ध्वजादान की भी बहुत महिमा है. इस माह में दान दक्षिणा का कार्य भी पुण्य फल प्रदान करता है. पुरुषोत्तम मास में स्नान, पूजन, अनुष्ठान और दान करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं.
5- इस माह में यात्रा करना, साझेदारी के कार्य करना, बीज बोना, वृक्ष लगाना, दान देना, सार्वजनिक हित के कार्य, सेवा कार्य करना कल्याणकारी माना गया है.
मलमास में क्या नहीं करना चाहिए ?
1- इस पुरुषोत्तम माह में किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं करें और मांसाहार से दूर रहें.
2- इस माह में विवाह, नामकरण, अष्टाकादि श्राद्ध, तिलक, मुंडन, यज्ञोपवीत, कर्णछेदन, गृह प्रवेश, देव-प्रतिष्ठा, संन्यास अथवा शिष्य दीक्षा लेना, यज्ञ, आदि शुभकर्मों और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है.
3- इस महीने वस्त्र आभूषण, घर, दुकान, वाहन आदि की खरीदारी नहीं करनी चाहिए.
4- अपशब्द, गृहकलह, क्रोध, असत्य भाषण और समागम आदि कार्य भी नहीं करना चाहिए.
5- कुआं, बोरिंग, तालाब का खनन आदि का कार्य नहीं करना चाहिए.
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